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जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाना अनैतिक

बिजली के बिलों में बढ़ोतरी के खिलाफ रोष, विधायक निर्मल सिंह बोले
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अम्बाला शहर, 23 जून (हप्र)

बिजली की दरों में अचानक और चुपचाप बढ़ोतरी को जन विरोधी करार देते हुये विधायक निर्मल सिंह मोहड़ा ने कहा कि राज्य की मौजूदा व्यवस्था अब सेवा नहीं बल्कि शोषण की पराकाष्ठा बन चुकी है। गर्मी से झुलसती जनता को राहत देने के बजाय सरकार ने बिजली बिलों की ज्वाला सौंप दी है। उपभोक्ताओं पर ऐसा आर्थिक भार अनीतिपूर्ण एवं अमानवीय भी है। निर्मल सिंह मोहड़ा सोमवार को रेस्ट हाउस में जनता समस्या दरबार में लोगों की समस्याओं को सुन रहे थे।

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पत्रकारों से बात करते हुए विधायक निर्मल सिंह ने कहा कि बिजली अब शक्ति नहीं, शक्तिकर बन चुकी है। 75 रुपये प्रति किलोवाट का नया स्थायी भारकर (फिक्स चार्ज) जोड़ कर सरकार ने बिजली को विलास की वस्तु बना डाला है। 10 किलोवाट के कनेक्शन पर अब हर माह 750 रुपये अतिरिक्त देने होंगे, वे भी केवल भारकर चुकाने के लिए। विधायक ने बताया कि दरों में की गई यह बढ़ोतरी न केवल प्रति यूनिट मूल्य में है, 6.30 से बढ़ाकर 7.50 रुपये तक, बल्कि स्लैब सिस्टम को भी चुपचाप परिवर्तित कर दिया गया है। एक तरफ दाम बढ़े हैं, दूसरी ओर उपभोक्ताओं को कोई सूचना नहीं दी गई, मानो यह कोई राजकोषीय गोपनीयता हो। उन्होंने कटाक्ष किया कि जिस सत्ता को जनसुविधा का दायित्व सौंपा गया था वह अब दंड वितरण का केन्द्र बन चुकी है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस शासन में जब वे सरकार का हिस्सा थे, तब चार पावर प्लांट और एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए थे।

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