जिला परिषद बैठक में 8 करोड़ के अधूरे कार्यों की समीक्षा
जिला परिषद की बैठक में विकास कार्यों की प्रगति और बजट के उपयोग पर चर्चा की गई। बैठक में तथ्य सामने आया कि पिछले बजट के 8 करोड़ रुपये में से करीब 75 प्रतिशत राशि अभी तक खर्च नहीं हो...
जिला परिषद की बैठक में विकास कार्यों की प्रगति और बजट के उपयोग पर चर्चा की गई। बैठक में तथ्य सामने आया कि पिछले बजट के 8 करोड़ रुपये में से करीब 75 प्रतिशत राशि अभी तक खर्च नहीं हो पाई, जिसके चलते कई स्वीकृत परियोजनाएं अधर में लटकी हैं। इस पर पार्षदों और संबंधित विभागीय अधिकारियों दोनों से जवाबदेही तय की गई। जुलाई में हुई पिछली बैठक में कई विकास कार्यों को मंजूरी दी गई थी, लेकिन अधिकांश के वर्क ऑर्डर अब तक जारी नहीं हो सके। इस देरी को लेकर पार्षदों ने नाराजगी जताई। कुछ कार्य पार्षदों द्वारा स्वयं करवा लिए गए हैं, जिनकी गुणवत्ता जांचने का निर्णय लिया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद ही संबंधित भुगतानों की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। परिषद की बैठक में 21 में से 20 जिला परिषद पार्षद और 6 ब्लॉक समिति अध्यक्ष शामिल रहे। इस दौरान 15वें वित्त आयोग से प्राप्त लगभग 1 करोड़ रुपये के बजट को आगामी विकास कार्यों में पारदर्शी व आवश्यकता अनुसार खर्च किए जाने पर भी विचार-विमर्श हुआ। जिला परिषद चेयरमैन कर्मबीर कौल ने बताया कि बैठक में अधूरे कार्यों की समीक्षा कर प्राथमिकता के आधार पर उन्हें शीघ्र पूरा करवाने की रणनीति तय की गई। बैठक में पार्षद कमलेश रानी ने देबवन खेल स्टेडियम में आ रही परेशानियों को लेकर अपनी बात रखी। बैठक में नगर पालिका आयुक्त कपिल शर्मा समेत सभी अधिकारी मौजूद रहे।

