डीसी के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे जीटी रोड पर खुले अवैध कट
विनोद लाहोट/निस
समालखा, 3 जून
जिला उपायुक्त द्वारा नेशनल हाईवे पर बने अवैध कटों को तुरंत बंद करने के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। समालखा मे खुल रहे अवैध रास्ते हादसे को दावत दे रहे हैं, लेकिन एनएचएआई के अधिकारी अनजान बने हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा की बैठक में डीसी ने एनएचएआई के अधिकारियों को अवैध रास्ते बंद करने तथा अवैध कट खोलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इन पर समालखा क्षेत्र मे कोई कार्रवाई न होने से ढाबा, होटल व पेट्रोल पम्प मालिको के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। हालात ये हैं कि क्षेत्र में करीब आधा दर्जन जगहों पर अवैध रास्ते खुले हैं। एनएचएआई और एजेंसी के अधिकारी सब-कुछ देकर मौन साधे हुए हैं।
गौरतलब है कि जीटी रोड पर वाहनों की निर्बाध आवाजाही को लेकर सर्विस रोड बने हैं। मुख्य और सर्विस रोड के बीच ग्रिलें लगाई गई हैं। दोनों सड़कों के बीच रोड लेवल से ऊंची ड्रेन बनाई गई है। प्राधिकरण ने हाईवे की निगरानी के लिए निजी एजेंसी को लाखों रुपये में देखरेख का ठेका दिया है। फिर भी ढाबा, होटल, शराब ठेका और पेट्रोल पंप के मालिक अपनी सुविधा के अनुसार मिलीभगत से अवैध रास्ता खोल रहे हैं। नेशनल हाईवे की देखरेख कर रही एजेंसी ने ढाबे, शराब ठेका और पेट्रोल पंप के सामने कई जगहों पर सीमेंट की बैरिकेड भी लगा रखे हैं तो कुछ जगहों पर ड्राइंग से अलग पुराने रास्ते को बंद कर नये रास्ते खोल दिए हैं। इससे भी राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है।
ढाबा मालिक पहले ड्रेन तोड़कर रास्ते को समतल करते हैं। फिर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ग्रिल और बैरिकेड को बारी-बारी से हटाकर स्थायी रास्ता खोल रहे हैं, जिससे वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। पट्टीकल्याणा, करहंस, मनाना, समालखा से लेकर मच्छरौली के बीच दोनों लेन पर यह समस्या है। पानीपत लेन पर अवैध कटों की संख्या दिल्ली लेन से अधिक है।
एनएचएआई के अधिकारी बोले
एनएचएआई के अधिकारी पुनीत ने बताया कि करीब 20 दिन पहले उन्होंने सारे अवैध रास्ते बंद कराए थे। ढाबे और पेट्रोल पंप के सामने कोरिडोर जैसा रास्ता बनाने के बारे में उन्हें पता नहीं है। उनका तबादला हो गया है। वे जल्द ही यहां से जाने वाले हैं, उन्हें अधिक जानकारी नहीं है। वहीं, एनएचएआई के अधिकारी प्रांजल मिश्रा से फोन पर संपर्क नहीं हो सका।