अवैध कॉलोनी को बनाया वैध, एसडीएम की जांच में 35 फर्जी प्रॉपर्टी आईडी का खुलासा
चीका नगरपालिका के अधिकारियों ने कॉलोनाइजरों से मिलकर फर्जी प्रॉपर्टी आईडी बना दी। एसडीएम गुहला की जांच में इस फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। मामले की शिकायत डेरा भाग सिंह निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जगजीत सिंह ने की थी। एसडीएम गुहला प्रमेश सिंह ने आज अपने कार्यालय में बुलाई पत्रकारवार्ता में बताया कि नगर पालिका के जिम्मेवार अधिकारियों ने एक अवैध कॉलोनी के विभिन्न प्लाॅटों की 35 फर्जी प्रॉपर्टी आईडी बनाई ताकि कॉलोनी को वैध दिखाया जा सके। उन्होंने बताया कि इस गोलमाल के लिए नगरपालिक चीका के पूर्व सचिव राजेश कुमार और वर्तमान जेई खुशी राम सीधे और स्पष्ट तौर पर जिम्मेदार हैं। इन फर्जी आईडी के आधार पर कॉलोनी में प्लॉटों की खरीद फरोख्त हुई और उनकी रजिस्ट्रियां तक करवा दी गईं। इस मामले की शिकायत 26 जुलाई 2024 को डेरा भाग सिंह निवासी जगजीत सिंह ने डीसी कैथल से की थी। डीसी कैथल ने जांच का जिम्मा एसडीएम गुहला को सौंपा था। शिकायत के आधार पर एसडीएम गुहला कैप्टन प्रमेश सिंह ने जांच शुरू की और मौके पर मदर प्राइड स्कूल के पास बनी कॉलोनी का निरीक्षण किया। संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर शिजरा, ऑनलाइन पोर्टल व अन्य दस्तावेजों की जांच की गई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि 35 प्रॉपर्टी आईडी फर्जी तरीके से जारी की गई थीं। पत्रकार वार्ता के दौरान एसडीएम ने बताया कि प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाएगा। मौके पर नायब तहसीलदार बंसीलाल भी मौजूद रहे।
जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी, पूर्व सचिव व जेई पर आरोप
एसडीएम प्रमेश सिंह ने जांच में पूर्व सचिव राजेश कुमार और जेई खुशी राम को फर्जी आईडी बनाने का दोषी पाया है। उन्होंने कहा कि यह घोटाला सुनियोजित तरीके से किया गया और इसमें अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। एसडीएम ने इस फर्जीवाड़े में संलिप्त सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए डीसी कैथल को रिपोर्ट भेज दी है।