धान खरीद में सैकड़ों करोड़ का घोटाला, बड़े मगरमच्छों को बचा रही सरकार : हुड्डा
कहा—किसानों से हर बार हो रही लूट, बेरोजगारी और अपराध ने हरियाणा को खोखला किया
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को करनाल में किसानों और आढ़तियों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर बार फसल खरीद के दौरान किसानों के साथ लूट होती है। इस बार भी धान खरीद में सैकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ है, लेकिन सरकार ने कार्रवाई बड़े मगरमच्छों पर नहीं, बल्कि एक छोटे कर्मचारी पर करके मामले को दबा दिया है।
हुड्डा ने कहा कि करनाल ही नहीं, पूरे हरियाणा में यह घोटाला फैला हुआ है। किसानों से एमएसपी से 500 से 800 रुपये प्रति क्विंटल कम रेट पर खरीद की जा रही है। सरकार हर बार फसल न खरीदने के बहाने बनाती है, जिससे मजबूर होकर किसान अपनी उपज औने-पौने दामों में बेचने को विवश हैं।
धान, बाजरा, कपास, मूंग समेत हर फसल को एमएसपी से कम रेट पर खरीदकर किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी सरकार किसानों के हितों की नहीं, बल्कि दलालों और घोटालेबाजों की सरकार बनकर रह गई है। पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हरियाणा में खनन, शराब और भर्ती घोटालों जैसी कई बड़ी घटनाएं सामने आईं, जिन पर सरकार ने केवल दिखावटी जांचें कराईं।
एसआईटी बनने के बावजूद किसी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 60 सक्रिय गैंग हैं और कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। ऐसी स्थिति में कोई भी उद्योगपति निवेश करने को तैयार नहीं, जिससे बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। हुड्डा ने कहा कि बेरोजगारी के चलते हजारों हरियाणा के युवा अमेरिका जैसे देशों में अवैध रूप से काम करने गए, लेकिन अब उन्हें वहां से बेइज्जत करके निकाला जा रहा है।
इन युवाओं ने विदेश जाने के लिए अपनी जमीन-जायदाद तक बेच दी, जिससे परिवार कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनावों में झूठे वादों की झड़ी लगाई—बीपीएल कार्ड, कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों को नियमित करने और महिलाओं को 2100 रुपये देने के वादे किए, लेकिन कोई भी पूरा नहीं हुआ। अब कुछ लाभार्थियों को राशि देकर सरकार जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। इस मौके पर रजनीश चौधरी, हरिराम साबा सहित कई स्थानीय नेता और किसान मौजूद रहे।
