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ट्रांसजेंडर टीचर अदिति के लिए मानवाधिकार आयोग आया आगे

करनाल के हरियाणा पब्लिक स्कूल की मान्यता को लेकर था विवाद
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चंडीगढ़, 10 अप्रैल (ट्रिन्यू)

हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग एक ट्रांसजेंडर टीचर के समर्थन में आगे आया है। अदिति शर्मा ‘हरियाणा पब्लिक स्कूल’ के संचालक है। स्कूल की मान्यता के मुद्दे को लेकर अदिति ने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था। अदिति द्वारा पिछले साल अक्तूबर में आयोग में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए आयोग ने स्कूल संस्थापक के पक्ष में फैसला सुनाया है।

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अदिति शर्मा ने स्कूल को मान्यता नहीं मिलने को लेकर शिकायत दी। इसमें भूमि संबंधित मानकों को मुख्य अड़चन बताया गया। 2014-15 में स्थापित यह स्कूल 800 वर्ग मीटर में बना है। संशोधित नियमों के अनुसार 1500 वर्ग मीटर की आवश्यकता है। मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन जस्टिस (सेवानिवृत्त) ललित बतरा, सदस्यों - कुलदीप जैन तथा दीप भाटिया ने अपने विस्तृत आदेश में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम-2019 और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता और गरिमा के अधिकारों का हवाला देते हुए स्कूल की मान्यता पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए कहा है। आयोग ने कहा कि केवल भूमि मानदंड के आधार पर मान्यता न देना अधिनियम-2019 की भावना के विरुद्ध है। आयोग ने शिकायतकर्ता की समाजसेवा के प्रयासों को सराहते हुए राज्य सरकार से व्यवहारिक और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ़ पुनीत अरोड़ा ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्राथमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया है कि वे 2 मई, 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस विषय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह आदेश न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की पुष्टि करता है बल्कि राज्य के समावेशी और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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