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रामलीला मंचन का इतिहास आजादी से पहले का : गर्ग

राष्ट्रीय स्वंतत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संयुक्त संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व पार्षद सत्यप्रकाश गर्ग ने कहा कि समालखा में रामलीला मंचन का इतिहास आजादी से पहले का है। सन् 1938 में स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके पिता लाला सूरजभान,...

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समालखा में मुख्यातिथि सत्यप्रकाश गर्ग को सम्मानित करते आयोजक। -निस
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राष्ट्रीय स्वंतत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संयुक्त संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व पार्षद सत्यप्रकाश गर्ग ने कहा कि समालखा में रामलीला मंचन का इतिहास आजादी से पहले का है। सन् 1938 में स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके पिता लाला सूरजभान, ओमप्रकाश ब्यास, सीताराम, ओमप्रकाश शर्मा, डाॅ. हंसराज गुलाटी व रघुनाथ सहाय सरीखे कलाकारों ने श्री रामा ड्रामाटिक क्लब का गठन कर रामलीला मंचन शुरू किया था। पार्षद सत्य प्रकाश गर्ग सोमवार शाम रिबन काटकर श्री रामा ड्रामाटिक क्लब की रामलीला के मंचन का शुभारंभ किया। रामलीला प्रबंधक कमेटी की तरफ से दिनेश शर्मा, राजेंद्र जैन, जयपाल शर्मा, मुकेश शर्मा, रविंद्र राठी, मनीष मितल, अमित शर्मा, कृष्ण गर्ग आदि ने मुख्यातिथि सत्य प्रकाश गर्ग का फूल मालाओं से स्वागत किया और शाॅल व स्मृति चिन्ह भेंट किया। समारोह के बाद रामलीला कलाकारों द्वारा गणेश वंदना, रावण वेदवती संवाद, सीता व राम जन्म की लीला का मंचन किया गया। पहले दिन रावण की भूमिका शैलेश पांचाल, राजा जनक विनोद व दशरथ का किरदार कृष्ण गर्ग ने निभाया।

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