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देश को एकता के सूत्र में बांधने की भाषा है हिंदी : सोमनाथ सचदेवा

हिंदी भाषा देश को एकता के सूत्र में बांधने की भाषा है। हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, इतिहास और भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम है। हमारे देश में केवल हिंदी ही राजभाषा है, इसलिए हमें...

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हिंदी भाषा देश को एकता के सूत्र में बांधने की भाषा है। हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, इतिहास और भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम है।

हमारे देश में केवल हिंदी ही राजभाषा है, इसलिए हमें हिंदी भाषा पर गौरवान्वित अनुभव करना चाहिए। देश की कोई भी राष्ट्रभाषा नहीं है। हमारे देश में 22 अनुसूचित भाषाएं हैं। उन 22 भाषाओं में भी हिंदी है और उसमें अंग्रेजी नहीं है। ये उद्गार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटिग्रेटिड एंड ऑनर्स स्टडीज तथा जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में सीनेट हॉल में देशभक्ति पर आधारित राज्य स्तरीय कविता पाठ प्रतियोगिता के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन करते हुए कहा कि हिंदी भाषा भारत की बिंदी है। मुख्य वक्ता हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने कहा कि हिंदी बहुत महत्वपूर्ण भाषा है। हिंदी भाषा को देश के 140 करोड़ लोग समझ व बोल सकते हैं। राज्य स्तरीय कविता पाठ प्रतियोगिता में अम्बाला, पानीपत, कैथल, यमुनानगर के कुल 25 कॉलेजों के 106 विद्यार्थियों ने पंजीकरण किया।

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