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झमाझम बारिश से सड़कें लबालब, जनजीवन अस्त-व्यस्त

प्रदेश के कई इलाकों में लगातार बरसात से तापमान में गिरावट, खेतों में भरा पानी, शिक्षण संस्थान भी प्रभावित
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कैथल में मंगलवार को बारिश के बाद भगत सिंह चौक पर जलभराव के चलते लाेगों को परेशानी हुई। -हप्र
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मानसून अपने अंतिम चरण में होने के बावजूद पिछले तीन दिनों से सक्रिय है। रविवार को शुरू हुई बारिश मंगलवार को तीसरे दिन भी दिनभर जारी रही। इस बारिश से किसानों की धान की फसल को फायदा मिल रहा है, लेकिन शहर की अधिकतर कॉलोनियों में हुए जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने आगले तीन से चार दिन तक भारी बारिश होने के लिए आंशका जताई है। बारिश होने से शहर में मौसम दो दिनों से बुहत खुशनुमा बना दिया है जिससे तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में जिले के सभी सात खंडों में कुल 165 एमएम बारिश दर्ज की गई। शहर के भगत सिंह चौक, डोगरां गेट, माता गेट, प्रताप गेट, अशोका कालोनी अमरगढ़ गामड़ी सहित पुराना बस स्टैंड क्षेत्र डेढ़ से दो फीट भरा पानी भर गया है। मानसून की सक्रियता के कारण पिछले चौबीस घंटे में जिले में 47.3 मिमी बारिश हुई। इस साल अगस्त के पांच दिन अभी शेष हैं, इनमें भी बारिश के आसार बन रहे हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस साल बारिश अधिक हुई, जिसका लाभ धान की फसल को मिला है। सोमवार को को दिनभर रुक-रुककर हल्की बारिश होती रही। रात को कुछ देर तेज बारिश हुई। इसके बाद रिमझिम बारिश का सिलसिला मंगलवार सुबह छह बजे तक चलता रहा। कृषि विज्ञान केंद्र कैथल के मुख्य समन्वयक डॉ. रमेश चंद्र वर्मा ने बताया है कि आगामी तीन से चार दिनों तक बारिश की ऐसी ही स्थिति की संभावना जताई जा रही है।

कलायत (निस) : निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। शहर के वार्ड 1, 2, 3, 6 और 7 की मुख्य गलियां पूरी तरह पानी में डूब गई जिससे लोगों का अपने घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में श्री कपिल मुनि रोड और इंदिरा कॉलोनी शामिल हैं। गांवों में भी स्थिति गंभीर है, खासकर खरक पांडवा और रामगढ़ पांडवा की निचली बस्तियों और खेतों में कई-कई फुट पानी जमा हो गया है। रेलवे रोड पर स्थित श्री कपिल मुनि महिला कॉलेज और एक प्राइमरी स्कूल के परिसर में 2-3 फीट पानी भर गया है। दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे और हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे के नीचे बने पुलों में भी दो से तीन फुट पानी जमा होने से आवागमन ठप हो गया है। खेतों में खड़ी धान की फसलें पूरी तरह से डूब गई हैं। कपास, हरा चारा और सब्जियों की फसलें भी बर्बाद होने की कगार

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पर हैं।

कुरुक्षेत्र (हप्र) : मौसम में दिनभर बदलाव देखने को मिला। आसमान में दिनभर बादल छाये रहे। इसी के साथ दिन में कई बार हल्की बूंदाबांदी होती रही। बारिश होने से तापमान में भी गिरावट आई है।

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