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सांस्कृतिक धरोहर के केन्द्र के रूप में हो हरियाणा की पहचान : सैनी

रत्नावली महोत्सव   सरकार हरियाणा को केवल कृषि और औद्योगिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के केन्द्र के रूप में भी स्थापित करने का प्रयास कर रही है। इस कार्य में रत्नावली महोत्सव महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर...

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कुरुक्षेत्र में रत्नावली महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह देते कुलपति। -हप्र
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रत्नावली महोत्सव

सरकार हरियाणा को केवल कृषि और औद्योगिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के केन्द्र के रूप में भी स्थापित करने का प्रयास कर रही है। इस कार्य में रत्नावली महोत्सव महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। यह महोत्सव हरियाणा की गौरवशाली विरासत, माटी की महक व हमारे जीवंत लोकजीवन की विराट व अद्भुत झांकी है। रत्नावली महोत्सव विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को निखारने व युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक पहचान पर गर्व करने का अवसर प्रदान करता है।

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ये विचार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आॅडिटोरियम हॉल में हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पहुंचने पर कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव लेफ्टिनेंट डॉ. वीरेन्द्र पाल, सहित अन्य अधिकारियों ने उनका ढोल नगाड़ों व हरियाणवी लोकधुनों के साथ स्वागत व अभिनंदन किया। इसके बाद सभी अतिथियों व अधिकारियों ने रत्नावली क्राफ्ट मेले का अवलोकन किया तथा आडिटोरियम हाल में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. ऋषिपाल, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, संतराम देसवाल, पूर्व निदेशक अनूप लाठर सहित अन्य अतिथियों ने सरस्वती मां की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से रत्नावली महोत्सव का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि युवा हमारे प्रदेश का भविष्य हैं और संस्कृति का संवाहक भी युवा ही हैं। हमारी युवा पीढ़ी अपनी विरासत को लेकर कितनी सजग और उत्साहित है।

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