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Haryana News : गांव चौटाला में कई एकड़ फसल को नुकसान, राजस्थान सीमा से सटे रकबे में किन्नू बागों को क्षति

डबवाली, 27 दिसंबर (निस) आज हुई बारिश और ओलावृष्टि से गांव चौटाला में सरसों फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ। चंद मिनटों की ओलावृष्टि ने सियासी गांव के राजस्थान से सटते सैकड़ों एकड़ कृषि रकबे पर बड़ी मार की। ओलावृष्टि...
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कलायत में शुक्रवार को बारिश में भीग रही खुले आसमान के नीचे डाली गई धान की फसल।
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डबवाली, 27 दिसंबर (निस)

आज हुई बारिश और ओलावृष्टि से गांव चौटाला में सरसों फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ। चंद मिनटों की ओलावृष्टि ने सियासी गांव के राजस्थान से सटते सैकड़ों एकड़ कृषि रकबे पर बड़ी मार की। ओलावृष्टि से बागों में किन्नू फसल व पशुओं के हरे-चारे की बीजांद के नुकसान की भी सूचना है। ओलावृष्टि से लगभग 5-6 सौ एकड़ रकबे में सरसों की अच्छी खासी फसल को नुकसान की आशंका है। चौटाला के किसान दयाराम उलानिया ने बताया कि सरसों की करीब ढाई माह की करीब 10 प्रतिशत फसल को नुकसान पहुंचा है। खराबे की असल स्थिति कल स्पष्ट होगी। डबवाली ब्लाक के कृषि अधिकारी अनूप कुमार का कहना था कि प्रारंभिक सूचना के मुताबिक गांव चौटाला के राजस्थान सीमा से सटे क्षेत्र में ओलावृष्टि से सरसों फसल का 10 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। नुकसान की रिपोर्ट तैयार करके उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।

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हल्की बरसात सभी फसलों के लिए फायदेमंद : कृषि विशेषज्ञ

जगाधरी (हप्र) : शुक्रवार सुबह ही हलकी से तेज बरसात शुरू हो गई थी। बरसात ने जहां ठिठुरन बढ़ा दी है,वहीं इसे फसलों के लिए फायदेकमंद बताया जा रहा है। शुक्रवार को सुबह करीब आठ बजे बारिश शुरू हुई। जगाधरी, छछरौली, खदरी, खारवन, मैहलांवाली, बूडिया, कैल, लाकड़, मांडखेड़ी, भेड़थल, औदरी, परवालो आदि इलाकों में बरसात हो रही है। बरसात के बीच चली हवा ने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी। वैसे किसान इस बरसात को कुल मिलाकर फसलों के लिए बहुत फायदेमंद मान रहे हैं। उनका कहना है कि यदि तेज हवा नहीं चलती तो इस बरसात का फायदा ही फायदा है। वहीं कृषि विभाग के सहायक पौध संरक्षण अधिकारी सतीश कुमार का कहना है कि बरसात सरसों, गेहूं व गन्ने आदि फसलों के लिए बहुत फायदेमंद हैं।

पूरा दिन भीगी धान की फसल, किसानों में रोष

कलायत (निस) : कलायत अनाज मंडी में किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए शेड( छपरों) को व्यापारियों ने अपना गोदाम बना दिया है। लंबे समय से व्यापारियों द्वारा दोनों शेड के नीचे भारी संख्या में धान के कट्टे जमा किए जा रहे हैं। शेड के नीचे जगह नहीं मिलने पर पूरा दिन चली बारिश में किसानों की फसल खुले में भीगती रही जिस कारण किसानों में मार्केट कमेटी अधिकारियों के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिला। अपनी फसल की सुरक्षा करने के लिए जैसे तैसे कर किसानों ने प्लास्टिक के कट्टों से बने पल्लड़ ढके लेकिन वे इंतजाम नाकाफी साबित हुए। बरसात का पानी फसल के ढेर के नीचे जमा हो गया। किसान विनोद कुमार, सुनील, तरसेम, राजेश, जोगेंद्र, ईश्वर आदि ने बताया कि बृहस्पतिवार को वे अपनी धान की फसल लेकर अनाज मंडी में पहुंचे थे। बारिश को देखते हुए उन्होंने फसल डालने के लिए शेड के नीचे जगह तलाश की लेकिन वहां पर पहले से ही धान के स्टॉक लगे हुए थे। उन्होंने डीसी प्रीति से शेड( छपरों) नीचे गैर कानूनी ढंग से फसल स्टोर कर निजी गोदाम बनाने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

नाम न छापने की शर्त पर कुछ मंडी व्यापारियों ने बताया कि कुछ व्यापारियों द्वारा किसानों से धान खरीद कर मंडी में मौजूद शेड( छपरों) को ही अपना गोदाम बना दिया है। लंबे समय से उनके द्वारा शेड के नीचे धान स्टोर की जा रही है। मार्केट कमेटी सचिव अरविंद स्योकंद ने बताया कि मंडी में मौजूद शेड किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। अगर कोई मंडी व्यापारी वहां पर अपनी फसल स्टोर करता है तो उनके खिलाफ नोटिस जारी कर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

पानीपत शहर में बारिश के दौरान जीटी रोड से गुजरते हुए वाहन। -हप्र

बारिश व ठंड बढ़ने से आमजन परेशान

पानीपत (हप्र): पानीपत जिले में शुक्रवार को सुबह शुरू हुई बारिश और ठंडी हवाओं ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। शहर की कई कालोनियों व गांवों की गलियों में पानी भर गया, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सर्दी की इस दूसरी बारिश ने मौसम में ठंडक बढ़ाने का काम किया है। वहीं किसानों के चेहरे पर बारिश के चलते खिल गये हैं, इससे फसलों में लगा झाला भी उतर जाएगा। हालांकि यह बारिश जिला में 84 हजार हैक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल के लिये कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बहुत लाभदायक है। वहीं, पानीपत शहर में संजय चौक, जाटल रोड रेलवे पुल के नीचे व तहसील कैंप कट के पास रोजाना खड़े सैकड़ों मजदूर बेकार बैठे दिखे। कृषि विभाग के एसडीओ देवेन्द्र कुहाड़ ने बताया कि जिला में करीब 84 हजार हैक्टेयर में गेहूं की फसल खडी है और बारिश से गेहूं सहित अन्य रबी की फसलों में फायदा ही होगा।

सिरसा में गिरा पारा

सिरसा (हप्र) : शुक्रवार दोपहर क्षेत्र में झमाझम बरसात हुई। बरसात के कारण शहरी क्षेत्र में अनेक जगह जलभराव देखने को मिला। उधर बरसात के कारण पारा भी गिर गया। यह बरसात गेहूं की बिजाई के लिए बहुत फायदेमंद मानी जा रही है। सुबह के समय बाजारों व गलियों में कीचड़ रहा। बरसात के कारण बाजारों में जाम की स्थिति रही।

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