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Haryana News-Geeta Mahotasab : ब्रह्मसरोवर पर लघु भारत के दर्शन, कलाकारों ने मोहा दर्शकों का मन

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
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कुरुक्षेत्र में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के तट पर प्रस्तुति देते कलाकार। -हप्र
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विनोद जिन्दल/हप्र

कुरुक्षेत्र, 6 दिसंबर

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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन पर्व पर ब्रह्मसरोवर का तट पर्यटकों को लघु भारत के दर्शन करा रहा है। विभिन्न राज्यों की संस्कृति को एक जगह पर एकत्रित करके यह महोत्सव अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। इस तट पर विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार जहां अपने-अपने प्रदेश की लोक संस्कृति की छठा बिखेर रहे हैं वहीं, शिल्पकार अपनी कलाओं के जरिए लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। इस सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने और पवित्र ग्रंथ गीता की नगरी को देखने के लिए रोजाना काफी संख्या में पर्यटक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंच रहे हैं। महोत्सव पर विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकारों द्वारा अपने क्षेत्रीय गायन व नृत्यों द्वारा पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का भी मनोरंजन किया जा रहा है।

15 दिसंबर तक लगने वाले इस सरस और क्राफ्ट मेले में शिल्पकारों की अनोखी शिल्पकला की मेहनत के सार को खुद में ही बयां कर रही है। वेस्ट लकड़ी से बर्तन बनाकर और कारविंग की शिल्पकला को खूब पंसद किया जा रहा है।

एक कलाकार को सम्मानित करते कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी तथा विपुल गोयल। -हप्र
गीता महोत्सव में प्रस्तुति देते सूफी गायक हंसराज हंस। -हप्र

हंस राज हंस ने फिज़ा में भरा सुफियाना रंग

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 की पुरुषोत्तमपुरा बाग में सांस्कृतिक संध्या के पहले दिन एनजेडसीसी की तरफ से सूफी गायक हंस राज हंस, हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से तंजानिया, ओडिसा और हरियाणा के फ्यूजन नृत्य की प्रस्तुति का आयोजन हुआ। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी व जांजीबार की सांस्कृतिक एवं खेल मंत्री टीएम माविता ने किया। प्रसिद्ध सूफी गायक हंस राज हंस ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मंच से ब्रह्मसरोवर की फिज़ा में सूफियाना रंग भर दिया। हंस ने दमा दम मस्त कलंदर जैसे प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। सांस्कृतिक संध्या में जैसे ही सूफी गायक हंस राज हंस मंच पर पहुंचे तो दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया। इस दौरान कृष्ण कुमार बेदी ने सूफी गायक हंस राज हंस के साथ सभी कलाकारों को सम्मानित किया।

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