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Haryana News : 544 रक्तदान शिविर लगा 59,262 लोगों को दिया नया जीवन

विश्व रक्तदाता दिवस पर विशेष... 175 बार रक्तदान कर चुके Sub Inspector Ashok Verma
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यमुनानगर के सब इंस्पेक्टर अशोक वर्मा रक्तदान करते हुए। -हप्र
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सुरेंद्र मेहता/ हप्र

यमुनानगर, 13 जून

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पुलिस विभाग के सर्वोच्च रक्तदाता सब इंस्पेक्टर डॉ. अशोक वर्मा 175 बार रक्तदान के साथ-साथ 85 बार प्लेटलेट्स दान कर चुके हैं। उनके परिवार में उनके भाई सतपाल, विनोद कुमार, नरेश कुमार, नन्हा राम 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। उनके पुत्र और पुत्रियां भी 10 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं।

इतना ही नहीं डॉ. अशोक 544 रक्तदान शिविर आयोजित कर चुके हैं, जिसमें 19,754 से अधिक रक्त इकाई का संग्रहण सरकारी अस्पतालों को मिला है, जिसका लाभ 59,262 लोगों को मिला। रक्तदान के लिए राज्यपाल हरियाणा द्वारा राजभवन चंडीगढ़ में 6 बार सम्मानित हो चुके हैं। वे राष्ट्रपति पुलिस पदक से विभूषित, राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता, डायमंड रक्तदाता व पर्यावरण प्रहरी के रूप में प्रसिद्ध हैं। वे हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में जागरुकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी के रूप में नियुक्त हैं। उन्होंने कहा कि रक्त के अभाव में किसी व्यक्ति विशेष की जीवन लीला समाप्त हो सकती है। दो-तीन दशक पूर्व रक्तदान के नाम से लोग डरते थे। अपने घर के सदस्य के लिए रक्त की आवश्यकता होने पर भी दूसरों को ताकते थे। कई तो डर के मारे वहां से खिसक जाते थे।

अशोक वर्मा ने कहा कि वह 1990 में राजकीय महाविद्यालय करनाल में पढ़ते थे और उन दिनों डीएवी कॉलेज करनाल में एनसीसी द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया तो करनाल के 18 वर्ष से अधिक के विद्यार्थियों को वहां रक्तदान के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन कुछ जागरूक और समाज के प्रति अपने कर्तव्य को समझने वाले गिने-चुने विद्यार्थियों ने ही वहां पहुंचकर रक्तदान किया। सौभाग्य से मैं भी उनमें से एक था। रक्तदान करके मुझे बहुत अच्छा लगा कि मैंने कुछ अच्छा कार्य किया है। अब तक 175 बार रक्तदान किया है और 85 बार प्लेटलेट्स दान किये हैं। इतना ही नहीं परिवार के सभी लोग एक साथ रक्तदान कर रहें हैं। रक्तदान करने का भय अब लोगों में नहीं रहा। इतनी जागरूकता आने के बाद भी आज भी रक्त के अभाव में कई जिंदगियां समाप्त हो जाती है।

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