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‘सादा जीवन, उच्च विचार की प्रतिमूर्ति थे गुलजारी लाल नंदा’

कुरुक्षेत्र, 15 जनवरी (हप्र) भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा सादा जीवन उच्च विचार की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने राजनीति के माध्यम से समाजसेवा एवं कल्याण की भावना को जो स्वरूप प्रदान किया है वह अपने आप में अनुकरणीय है। ये...

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कुरुक्षेत्र में गुलजारी लाल नंदा केंद्र की गतिविधियों पर टेबल कैलेंडर का विमोचन करते विश्वविद्यालय के कुलपति तथा अन्य। -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 15 जनवरी (हप्र)

भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा सादा जीवन उच्च विचार की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने राजनीति के माध्यम से समाजसेवा एवं कल्याण की भावना को जो स्वरूप प्रदान किया है वह अपने आप में अनुकरणीय है।

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ये उदगार बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने ब्रह्मसरोवर स्थित कुवि के भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा नैतिकता, दर्शन, संग्रहालय और पुस्तकालय केंद्र तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में भारत रत्न श्री गुलजारी लाल नंदा की पुण्यतिथि अवसर बतौर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते व्यक्त किए। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि महात्मा गांधी की विचारधारा को आत्मसात करते हुए उन्होंने दो बार भारत के कार्यकारी प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर देश एवं समाज को नई दिशा प्रदान की।

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कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि कुरुक्षेत्र का वर्तमान स्वरूप गुलजारी लाल नंदा की देन है। केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने कहा कि भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा ने समाज सेवा के माध्यम से कुरुक्षेत्र के 48 कोस के तीर्थ स्थलों के विकास की जो रूपरेखा तैयार की, आज कुरुक्षेत्र उसी के अनुरूप पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए हुए हैं। कार्यक्रम में गुलजारी लाल नंदा केन्द्र की निदेशिका प्रो. शुचिस्मिता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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