ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

करनाल में दहाड़े गेस्ट टीचर, सभी संगठन किये भंग

बोले-लाठियां, गोलियां खाएंगे, पर नियमित होकर रहेंगे
करनाल की जाट धर्मशाला में रणनीति बनाते गेस्ट टीचर। -हप्र
Advertisement

करनाल, 30 जुलाई (हप्र)

प्रदेशभर के हजारों गेस्ट टीचरों ने करनाल की जाट धर्मशाला में इकट्ठे होकर नियमित करने की एकसूत्रीय मांग पर सहमति जताते हुए सभी संगठनों को सर्वसम्मति से भंग कर दिया और आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।

Advertisement

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस के बाद अब पिछले करीब 9 साल से भाजपा सरकार ने भी गेस्ट टीचरों का शोषण किया है, लेकिन अब हम आरपार की लड़ाई लड़ेंगे और नियमित होने के लिए आगे बढ़ते जाएंगे।

इस दौरान उन्होंने राम के नाम पर नये संगठन का भी ऐलान किया है। 27 सितंबर को सभी गेस्ट टीचर सीएम सिटी करनाल में शहीद राजरानी के शहीदी दिवस पर राज्यस्तरीय रैली का आयोजन कर आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। गेस्ट टीचरों के नये संगठन राम के सदस्य दलबीर पानू व प्रवक्ता अजय लोहान ने बताया कि प्रदेशभर के करीब 12 हजार गेस्ट टीचर करीब पिछले 17 सालों से सरकारी विद्यालयों में अतुल्य सेवाएं दे रहे हैं।

पहली कलम से पक्का करने का वादा करने वाली भाजपा गठबंधन सरकार के इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी गेस्ट टीचरों को नियमित नहीं करने से भारी आक्रोश है। उन्होंने बताया कि गेस्ट टीचरों के प्रदेशभर के सभी संगठनों के पदाधिकारी रविवार को करनाल की जाट धर्मशाला में इकट्ठे हुए और सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में जमकर दहाड़े। इस दौरान उन्होंने एकता के सूत्र में बंधकर आरपार की लड़ाई का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि अब वे नियमित होने तक अपना आंदोलन चलाएंगे।

गेस्ट टीचरों का नया संगठन ‘राम’

गेस्ट टीचरों के नये संगठन राम के वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र शास्त्री, मैना यादव, संत कुमार, प्रदीप बतान, दिनेश गौतम, रघुबीर नण्डेल, पारस शर्मा, दलबीर पानू व अजय लोहान ने बताया कि नियमितीकरण की एकसूत्रीय मांग पर सहमति जताते हुए गेस्ट टीचरों के सभी संगठनों को भंग कर दिया है और राजकीय अतिथि अध्यापक मंच (RAAM) के नाम से नया संगठन बनाया है। करनाल की जाट धर्मशाला में रविवार को नियमितीकरण की एकसूत्रीय मांग पर सहमति जताते हुए हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ 22, समस्त अतिथि अध्यापक समिति, राजकीय अनुबंधित अध्यापक संघ, प्राथमिक अतिथि अध्यापक कल्याण समिति, लेक्चरर एसोसिएशन सहित तमाम संगठनों

के पदाधिकारियों ने अपने अपने संगठनों को भंग कर दिया है।

Advertisement