दो लाख एकड़ धान कहां बिका, सरकार जांच करे : गुरनाम चढ़ूनी
भाकियू चढ़ूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि 6 जिलों में करीब 64 हजार एकड़ धान का पोर्टल हुआ, इनमें एक क्विंटल धान भी खरीदा नहीं गया जिसका मतलब 64 हजार एकड़ धान का पोर्टल अवैध है, क्योंकि अगर वहां धान थी तो वहां खरीद भी होती। चढ़ूनी ने मांग कि सरकार इसकी जांच करे कि ये 2 लाख एकड़ पोर्टल का धान कहां बिका और यह पोर्टल किसके नाम है। उन्होंने कहा कि जितने धान का किसानों ने पोर्टल करवाया, उसमें 1 लाख 36 हजार एकड़ की वेरिफिकेशन ज्यादा हुई, जो अपने आप में एक घोटाला है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले की गहनता से जांच की जाए तो इसमें बड़े लोगों व राजनेताओं का नाम निकलेगा, क्योंकि बड़े लोगों की संलिप्तता के बिना इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर धान की 30 क्विंटल प्रति एक एकड़ निकासी भी मानें तो इसकी कीमत करीब 1700 करोड़ रुपए बनती है।
चढ़ूनी ने कहा कि ऐसी सूचनाएं हैं कि आने वाले समय में सरकार कई फसलों पर आयात शुल्क हटा सकती है। अगर ऐसा किया गया किसानों के साथ यह बड़ा विश्वासघात माना जाएगा। इससे पूरे देश में फसलों के भाव में गिरावट आएगी जिसे किसान सहन नहीं करेगा और फिर एक बार राष्ट्रव्यापी आंदोलन झेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री, ट्रंप के समक्ष न झुकने की बात करते रहे लेकिन कुछ दिनों बाद यू-टर्न ले लिया गया और कपास पर से आयात कर हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष बीतने पर भी एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बना। सरकार इस वायदे को पूरा करे। चढ़ूनी ने डीएपी खाद व यूरिया खाद के साथ अन्य अनावश्यक सामान देने वालों पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, वर्ना किसानों को संघर्ष का रास्ता अपनाएगा।
