गन्ने का रेट 500 रुपए प्रति क्विंटल तय करे सरकार : भूपेंद्र हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गन्ने का मूल्य 500 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग की है। कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रमन त्यागी के कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ के कारण गन्ने की काफी फसल नष्ट हो चुकी है, लेकिन जो फसल बची है, उसके लिए सरकार 500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने की खरीद का ऐलान करें। उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से प्रदेश सरकार ने गन्ने का भाव बहुत कम बढ़ाया है, जबकि लागत लगातार बढ़ रही है। इसी के चलते किसानों को गन्ने की खेती घाटे का सौदा लगने लगी है। उन्होंने कहा कि कीटनाशक लगातार महंगे हो रहे हैं। इस सीजन में गन्ने पर कई तरह की बीमारी आई, जिसकी वजह से गन्ने की फसल की ग्रोथ भी अधिक नहीं हो पाई। इस बीमारी के कारण किसानों को हजारों रुपये कीटनाशक दवाओं पर लगा। इसके अलावा यूरिया, डीजल, बिजली के खर्च अलग सब मिलकर किसानों को गन्ना तैयार करने में काफी पैसा खर्च हुआ है। सरकार गन्ने का मूल्य 500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित करें। उधर, कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रमन त्यागी का कहना है कि वर्ष-2023 में गन्ने का मूल्य 372 रुपए प्रति क्विंटल था। तब किसानों को आंदोलन करना पड़ा। इसके बाद गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 386 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया। मनोहर सरकार ने अगले वर्ष यानी 2024 में गन्ने का मूल्य 400 रुपए क्विंटल किया था लेकिन यह अंतर भी काफी है, क्योंकि गन्ने बिजाई में काफी खर्च आता है, इसलिए गन्ने का मूल्य 400 से बढ़ाकर 500 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए। उन्होंने बताया कि हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में गन्ने की कीमत में कुल 193 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई थी, जो 117 रुपये से बढ़कर 310 रुपये हो गई थी।