धान की फसल में हुए नुकसान के लिए किसानों को मुआवज़ा दे सरकार : चढ़ूनी
हरियाणा के अनेक जिलों में धान की फसल को इस वर्ष दोहरी मार झेलनी पड़ी। एक ओर किसानों की जीरी (धान) की हजारों एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, वहीं वर्ष 2022 के सीजन की तरह इस वर्ष भी करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, कैथल, जींद, पानीपत, रोहतक व सोनीपत सहित प्रदेश के कई जिलों में धान की फसल में सोथरन राइस ब्लैक स्ट्रक ड्राफ वायरस एवं राइस गाल डवार्फ वायरस नामक बीमारी आ गई, जिससे पौधे बौने रह गए और जड़ें सड़ गईं। वैज्ञानिक सर्वेक्षण से यह पुष्टि हो चुकी है कि वायरस जनित यह समस्या नई है और किसानों के वश से बाहर है, जिससे किसान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। भाकियू चढ़ूनी के राष्ट्रीयाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि सरकार पीड़ित किसानों को मुआवजा दे। दूसरी ओर, अधिक बारिश के कारण खेतों में जलभराव से किसानों की फसलें भी खत्म हो गई हैं। दोनों कारणों से सैकड़ों किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।