रीपैकिंग के लाइसेंस पर बन रहा था घी
सीएम फ्लाइंग हिसार के दस्ते ने चौटाला रोड स्थित घी फैक्टरी में छापेमारी की और पाया कि घी रिपैकिंग के लाइसेंस पर एक ब्रांड के वनस्पति घी बनाने का मामला सामने आया है। छापेमारी के दौरान फैक्टरी से भारी मात्रा में घी व निर्माण सामग्री बरामद हुई। इस दौरान 342 लीटर घी व 2865 लीटर वनस्पति, सोयाबीन रिफाइंड तेल व अन्य निर्माण सामग्री मिली। जिसके आरोप में दो अलग-अलग चालान काटे गए। जबकि वनस्पति ऑयल, रिफाइंड ऑयल और केशवदीप घी सहित कुल 5 सैंपल भी लिए गए। छापेमार टीम में मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के एसआई राजेश कुमार, एसआई जितेंद्र सिंह व सिरसा के खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉक्टर गौरव शामिल थे। छापेमारी के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि एक घी फैक्ट्री के मालिक रमेश कुमार के पास रिपैकिंग लाइसेंस की वैधता 9 जनवरी 2026 तक थी, उसके द्वारा बिना वैध लाइसेंस के वनस्पति ऑयल की होलसेल बिक्री भी की जाती थी। मुख्यमंत्री उड़न दस्ता के एसआई राजेश कुमार ने बताया कि यहां पर कएक ब्रांड का वनस्पति घी वह खुद ही मैन्युफैक्चर किया जा रहा था, जो कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि टीम को फैक्टरी से भारी मात्रा में सामग्री बरामद हुई। इसमें कुल 342 लीटर घी शामिल था, जो एक किलो, 500 मिली और 200 मिली की पैकिंग में मिला। रसोई गोल्ड वनस्पति ऑयल के 108 टीन, अवसर वनस्पति ऑयल के 20 टीन और सोयाबीन रिफाइंड तेल के 63 टीन भी मिले, जिनमें से प्रत्येक में 15 किलो तेल था। टीम ने हजारों की संख्या में खाली डिब्बे और अलग-अलग ब्रांड के 1000 और 1200 स्टीकर भी जब्त किए गए। एफएसओ डॉक्टर गौरव ने बताया कि दोनों उल्लंघनों के अंतर्गत एफएसए एक्ट 2006 के तहत दो अलग-अलग चालान काटे। इन चालानों पर आगामी कार्यवाही एडीसी कोर्ट में की जाएगी।
 
 
             
            