सिरसा में उफान पर घग्गर, टूटने लगे अंदरूनी बांध, गांवों को खतरा
पहाड़ों से आ रहे पानी व मूसलाधार बरसात से घग्गर का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे घग्गर के तटबंध पर बसे गांवों को खतरा पैदा हो गया है। गांव पनिहारी व नागोकी के समीप शनिवार को घग्गर के अंदर के तटबंध टूट गए थे, जिस कारण घग्गर का पानी गांवों की ओर बढ़ने लगा। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण राहत कार्य में जुटे हैं। जेसीबी व ट्रैक्टर-ट्राॅलियों से तटबंधों पर मिट्टी डाली जा रही है। राहत कार्य में गांव रंगा के समीप एक ट्रैक्टर-ट्राॅली अनियंत्रित होकर पानी में गिर गई, हालांकि ड्राइवर सुरक्षित रहा। वहीं घग्गर के जलस्तर और तटबंधों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ कार्य रहा है। सिंचाई विभाग की 8 सेक्टरों में 24 टीमें निगरानी कर ही रही हैं, वहीं एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व बीडीपीओ की टीमें दिन के अलावा रात को घग्गर के तटबंधों को मजबूत करने की दिशा में कार्य करते हुए ग्रामीणों के साथ लगातार संवाद कर रही हैं। इसके अलावा टीमें ड्रेन व खरीफ चैनलों का भी निरीक्षण कर रही हैं। डीसी शांतनु शर्मा भी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। वहीं शनिवार दोपहर 1 बजे के बाद फिर से मुसलाधार बरसात हुई। करीब 2 घंटे चली बरसात से चारों तरफ पानी ही पानी हो गया।
हिसार-घग्गर ड्रेन सेमनाला में कटाव
शनिवार सुबह हिसार-घग्गर ड्रेन सेमनाला में मोडिया खेड़ा के समीप कटाव होने से मोडिया खेड़ा और गुड़िया खेड़ा की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। प्रशासन के आह्वान पर डेरा सच्चा सौदा के 500 सेवादार तुरंत मौके पर पहुंचे और कटाव को बंद करने में जुट गए। सेवादारों ने मिट्टी के कट्टे भरकर, मानव श्रृंखला बनाकर और लकड़ी की जालियों का उपयोग करके कटाव को रोकने का कार्य शुरू किया। गुड़िया खेड़ा के सरपंच प्रतिनिधि भरत सिंह और मोडिया खेड़ा के सरपंच भारत सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों के इस सेवा कार्य की प्रशंसा की। बता दें कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादार पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। सच्चे नम्र सेवादार प्यारे लाल इन्सां और करनैल सिंह इन्सां ने बताया कि सुबह 5 बजे कटाव की सूचना मिलते ही तुरंत 500 सेवादारों के साथ मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कर दिया।