‘उद्यान विश्वविद्यालय औषधीय पौधों पर करेगा रिसर्च’
करनाल, 2 जुलाई (हप्र)
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में रहने वाले किसानों के लिए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल नई सौगात लेकर आया है, क्योंकि एमएचयू किसानों को जलवायु के हिसाब से औषधीय व सगंधीय पौधों पर रिसर्च कर नई तकनीक उपलब्ध करवाने की दिशा में काम करेगा, जिससे किसान भाइयों की आमदनी बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा ज्यादा संपन्न होंगे। एमएचयू करनाल के कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटर रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार से महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल को आईसीएआर से औषधीय व सगंधीय पौधों पर रिसर्च करने के लिए डॉ. मनीष दास, निदेशक एवं समन्यक द्वारा भेजी सूचना अनुसार करनाल के उद्यान विश्वविद्यालय को औषधीय एवं सगंधीय विभाग को वालन्टियर सेंटर घोषित किया है। उत्तर भारत के मैदानी इलाके की एकमात्र उद्यान विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। औषधीय व सगंधीय पौधों पर शोध किया जाएगा। आज भी बहुत सारे रोगों का इलाज आयुर्वेदिक औषधि के माध्यम से करते हैं, आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए बहुत सारे रॉ मैटीरियल जैसे गिलोए, वकोपा, अश्वगंधा, तुलसी, कालमेद्य, सर्पगंधा, ब्रह्मी आदि बहुत सारे औषधीय पौधों की जरूरत पड़ती है।