हथकड़ी में जकड़े गैंगस्टर जसबीर उर्फ जैकी को जिले के गांव टिब्बी में उसके पिता की तेरहवीं में लाया गया। आरोपी को एक घंटे तक परिवार से मिलने की परमिशन दी गई थी। इस दौरान करीब 50-60 पुलिसकर्मी गांव में सुरक्षा के लिए मौजूद रहे। जसबीर को सोनीपत पुलिस बृहस्पतिवार सुबह करीब 10 बजे सोनीपत जेल से पुलिस वाहन में गांव टिब्बी लाया गया। एक घंटे तक गांव में रुकने के बाद पुलिस उसे भूना थाना ले गई। जसबीर पर हिसार, गुरुग्राम और रोहतक में हिमांशु गैंग के साथ मिलकर कई वारदात को अंजाम देने के आरोप है।
बता दें कि जसबीर के पिता की 12 दिन पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। तब अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उसे परमिशन नहीं मिली थी। पत्नी और मां से मिलाने के बाद जैसे ही पुलिस जसबीर को वापस ले गई तो पत्नी रोते हुए पीछे-पीछे दौड़ने लगी और पुलिस की वैन के पास खड़ी होकर रोने लगी। उसकी सुरक्षा के लिए भूना एसएचओ ओमप्रकाश के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस भी तैनात रही। उसे गांव के किसी व्यक्ति से मिलने नहीं दिया गया। जसबीर ने मां अंगूरी देवी और अन्य परिजनों से मुलाकात की। गांव के लोगों का कहना है कि परिवार ने गैंगस्टर को घर से बेदखल कर रखा है। तेरहवीं के कार्यक्रम में परिवार के ही 10-15 लोग शामिल हुए। गांव का कोई व्यक्ति कार्यक्रम में नहीं पहुंचा।
पुलिस के अनुसार जसबीर 2017 में हिमांशु गैंग से जुड़ा था। उसने 12वीं के बाद कॉलेज में दाखिला लिया। इस दौरान वह गुरुग्राम में प्राइवेट कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने चला गया। वहां आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। दिल्ली- गुरुग्राम में लड़ाई-झगड़े करने लगा। जसबीर रोहतक किलोई गांव में एक बारात पर फायरिंग करने और एक फाइनेंसर की हत्या के मामले में भी वांछित था। 9 दिसंबर 2024 को इसी मामले की जांच में जुटी पुलिस के साथ उसकी रोहतक पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी, इस दौरान उसे गोली भी लग गई थी।

