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फुलझड़ी सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कला का प्रतीक : डॉ. प्रीतम सिंह

कुरुक्षेत्र, 9 जून (हप्र) कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित पांच दिवसीय फुलझड़ी प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर केयू डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र के निदेशक प्रो. प्रीतम सिंह ने बतौर मुख्यातिथि कहा कि फुलझड़ी सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कला का...
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कुरुक्षेत्र, 9 जून (हप्र)

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित पांच दिवसीय फुलझड़ी प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर केयू डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र के निदेशक प्रो. प्रीतम सिंह ने बतौर मुख्यातिथि कहा कि फुलझड़ी सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कला का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि फुलझड़ी न केवल एक सजावट है, बल्कि यह हरियाणवी समाज की कला, संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समय के साथ, फुलझड़ी ने अपने पारंपरिक रूप को बनाए रखते हुए आधुनिकता को भी अपनाया है, जिससे यह आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय है। इस अवसर पर मुख्यातिथि डॉ. प्रीतम सिंह, स्थापना शाखा के उपकुलसचिव डॉ. जितेन्द्र जांगड़ा तथा क्यूरेटर डॉ. कुलदीप आर्य ने प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट भी प्रदान किए। केयू धरोहर हरियाणा संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ. कुलदीप आर्य ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। इस अवसर पर केयू धरोहर हरियाणा संग्रहालय में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में लक्ष्मी देवी, भक्ति देवी, सुनीता देवी, अंगूरी देवी ने विशेष सहयोग किया। इस मौके पर हरियाणा सहित पंजाब, चंडीगढ़ व दिल्ली से आने वाले पर्यटकों ने भी प्रशिक्षण कार्यशाला की सराहना की।

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