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‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ योजना में की धोखाधड़ी, 7 के खिलाफ केस दर्ज

सफीदों, 11 जून (निस) हरियाणा में किसानों की कृषि उपज समर्थन मूल्य पर खरीदना सुनिश्चित करने को सरकार द्वारा जारी ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ योजना के तहत फसल की पंजीकरण प्रक्रिया में कई लोगों ने सफीदों के मुवाना गांव के...
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सफीदों, 11 जून (निस)

हरियाणा में किसानों की कृषि उपज समर्थन मूल्य पर खरीदना सुनिश्चित करने को सरकार द्वारा जारी ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ योजना के तहत फसल की पंजीकरण प्रक्रिया में कई लोगों ने सफीदों के मुवाना गांव के कृष्ण कुमार के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी की।

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आरोप है कि वर्ष 2023 के खरीफ सीजन में जिला करनाल, कैथल व अंबाला के सात लोगों ने कृष्ण कुमार की जमीन के नंबर ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया में संबंधित एप पर अपलोड कर दिए जिसके कारण अपनी पीआर किस्म की धान को समर्थन मूल्य पर कृष्ण कुमार नहीं बेच पाया क्योंकि योजना में उसके खेतों के नंबर पहले ही आरोपी अपने नाम से पंजीकृत कर चुके थे। कृष्ण कुमार की शिकायत पर सफीदों सदर पुलिस ने धोखाधड़ी का जो मामला दर्ज किया है उसमें जिला करनाल के धनसिंह, पवन कुमार व प्रयास, जिला कैथल के गुरदास सिंह, जिला अंबाला की हरमिंदर कौर व बलदेव सिंह तथा असंध कस्बे का प्रवीण कुमार, जो श्रीराम ट्रेडिंग कंपनी नाम की आढ़ती फर्म का मालिक है, शामिल हैं।

दर्ज प्राथमिक में कृष्ण कुमार के अनुसार वर्ष 2023 के खरीफ सीजन में उसने अपने खेत में पीआर किस्म की धान की बिजाई की हुई थी जिसे समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए सरकार के ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ एप पर जमीन के नंबरों के साथ पंजीकरण करना होता है। उसके अनुसार जब उसने अपनी धान का पंजीकरण कराने का प्रयास किया तो पता चला कि उसके जमीन के नंबर पहले ही किसी ने अपनी फसल के लिए पंजीकृत कर लिए हैं। इस कारण उसका पंजीकरण नहीं हो सका। उसने इसकी शिकायत की तो राजस्व विभाग से इस मामले में हेराफेरी करने वालों के नाम बताए गए। उसने इसकी शिकायत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुख्यालय को की, सीएम विंडो में भी शिकायत की।

आखिर कृषि उपनिदेशक जींद ने उसे बताया कि इसके लिए तो पुलिस अधीक्षक को शिकायत करनी होगी। तब उन्होंने नवंबर 2024 में एक शिकायत पुलिस को की। इसके बाद अब इस पर कार्रवाई करते हुए सात लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

शिकायतकर्ता से नहीं हुआ संपर्क

इस बारे जब शिकायतकर्ता से यह जानने के प्रयास में शुरू में दिए उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, कि उसकी फसल का पंजीकरण नहीं हुआ तो उसने अपनी धान कहां बेची और समर्थन मूल्य में व प्राप्त मूल्य में क्या अंतर रहा यानी उसे नुकसान कितना हुआ, तो किसी महिला ने फोन अटेंड किया। उसने कहा कि कृष्ण यहां नहीं है। उसने कृष्ण का नंबर दिया जिस पर बात की गई तो बोल रहे व्यक्ति ने कहा कि मैं वह नहीं हूं। उसने फिर शिकायतकर्ता का नंबर दिया जिस पर बात करने का प्रयास किया गया तो बोल रहे व्यक्ति ने कहा कि यह गलत नंबर है।

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