पहले ‘हैप्पी कार्ड’ के लिए मारामारी, अब रोडवेज आफिस में फांक रहे धूल
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 30 अप्रैल
हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने के लिए शुरू की गई हैप्पी कार्ड योजना के लिए जहां पहले मारामारी हुआ करती थी और लोग हैप्पी कार्ड बनवाने के लिए लोग सिफारिशें ढूंढ़ा करते थे, वहीं अब हजारों कार्ड रोडवेज के अम्बाला आफिस में धूल फांक रहे हैं।
इन हैप्पी कार्ड को लेने में लोग कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। लोगों को बार बार फोन करने के बावजूद वे इसे लेने नहीं आ रहे। दरअसल हरियाणा सरकार ने हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना-हैप्पी का शुभारंभ किया था। इसके तहत 1 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले करीब 23 लाख परिवारों के लोग हर साल 1 हजार किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा का लाभ उठा सकते हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं अंत्योदय परिवारों के 6 सदस्यों को सांकेतिक रूप से मोबिलिटी कार्ड वितरित किए थे। इस योजना के तहत लाभार्थियों को हरियाणा रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा करने के लिए ई टिकटिंग प्रणाली से जुड़ा एक स्मार्ट कार्ड जारी किया जाता है। इसे बनवाने के लिए आवेदक को मात्र 50 रुपये खर्च करने होते हैं, बाकी का खर्च सरकार की ओर से होता है। अंबाला में अब तक 73 हजार के करीब कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसमें से 67 हजार 700 के करीब कार्ड लाभार्थी ले जा चुके हैं। अब हैप्पी कार्ड वितरण रोडवेज कर्मचारियों के लिए चुनौती बन चुका है।
लगभग 5 हजार लाभार्थियों के हैप्पी कार्ड बने पड़े हैं, जिन्हें लाभार्थी लेने नहीं आ रहे। कर्मचारी लाभार्थियों को बार-बार कॉल कर थक चुके हैं। हालत यहां तक पहुंच चुके हैं कि अधिकारी लोगों तक यह कार्ड पहुंचाना चाहते हैं लेकिन लोग बने हुए कार्ड भी लेना नहीं चाहते। पहले अंबाला छावनी, अंबाला सिटी, बराड़ा, मुलाना और शहजादपुर बस अड्डे पर रोडवेज कर्मचारियों की ओर से एक्टिवेट कर लाभार्थियों को हैप्पी कार्ड दिए जा रहे थे। लाभार्थियों की संख्या कम होने के कारण बराड़ा, मुलाना, शहजादपुर और अंबाला सिटी बस स्टैंड पर कार्यालय को बंद कर दिया गया। वहीं, अभी इक्का दुक्का लोग हैप्पी कार्ड बनवाने आ रहे हैं।
हरियाणा सरकार ने राज्य के गरीब परिवारों के जीवन को सुलभ बनाने के उद्देश्य से हैप्पी कार्ड योजना की शुरुआत की थी। जो लाभार्थी इन्हें लेने नहीं आए, उनको संपर्क करने के प्रयास जारी हैं। हैप्पी कार्ड बनवाने के बाद कोई भी साल भर में 1000 किलोमीटर तक यात्रा कर सकता है।
-कर्ण सिंह, बस स्टैंड इंचार्ज, अम्बाला।