बौनेपन के चलते किसानों ने उखाड़ी धान की फसल
क्षेत्र में धान की फसल पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। फीजी वायरस या बौनेपन ने पूरे इलाके में धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस वायरस के कारण धान के पौधे बौने हो गए हैं जिस कारण उत्पादन चौपट हो सकता है। किसान अपनी खड़ी फसल को नष्ट करने के लिए मज़बूर हैं। भाकियू (पिहोवा) की टीम सोमवार को असमानपुर पहुंची और किसानों से मिलकर कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया और प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करवाने की मांग की। किसानों की मांग है कि पूरे क्षेत्र की विशेष गिरदावरी करवाई जाए और नुकसान का आकलन करके किसानों को तत्काल मुआवज़ा दिया जाए। असमानपुर में भी किसान जितेन्द्र सिंह ने अपनी 10 एकड़ फसल को नष्ट करना पड़ा। किसान नेता प्रिंस ने कहा कि अभी तक कृषि विभाग ने सर्वे रिपोर्ट सरकार को नहीं भेजी है, इस कारण जल्द ही पूरे क्षेत्र के किसानों की एक विशेष मीटिंग बुलाई जाएगी, जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी। इस बैठक के बाद किसान ज्ञापन सौंपेगा और सरकार से मुआवज़े की मांग करेगा। उन्होंने मांग की है कि पिहोवा क्षेत्र में फीजी वायरस से प्रभावित धान की फसल की तत्काल विशेष गिरदावरी की जाए। प्रति एकड़ 20 हजार रुपये मुआवज़ा घोषित कर सीधे किसानों के खातों में भेजा जाए। उन्होंने मांग की है कृषि वैज्ञानिकों की टीम भेजकर इस वायरस के कारणों और रोकथाम के उपाय बताए जाएं। गली फसल के लिए सरकार की ओर से बीज व दवाओं की सहायता प्रदान की जाए। इस मौके पर गुरलाल भिंडर ,बबलू जांगड़ा, प्रदीप सैनी, जितेंद्र मक्कड़ सहित अन्य किसान व कृषि विभाग की तरफ से डॉ प्रदीप दीक्षित मौजूद रहे ।