प्लाईवुड फैक्टरी में भी इस्तेमाल होता है किसानों का सब्सिडी वाला यूरिया
सुरेंद्र मेहता /हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर, 19 अप्रैल
किसानों का सब्सिडी वाला यूरिया प्लाईवुड फैक्टरी में भी इस्तेमाल होता है। कई बार ऐसे वाहन पकड़े गए हैं, जिनमें किसानों का सब्सिडी वाला यूरिया प्लाईवुड फैक्टरी में उतर रहा था। छापेमारी में यह सामने आया और सैंपल लिए गए। ऐसे कुछ मामलों की सैंपल रिपोर्ट अब सामने आई है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा पिछले वित्त वर्ष में कृषि योग्य यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए 105 नमूने लिए गए। जिनमें से 23 सैंपल जिले में स्थित औद्योगिक इकाईयों से लिए गए थे। उन 23 सैंपल में से 3 सैंपल नीम ऑयल कॉन्ट्रेक्ट के पाए गए। जिन फैक्ट्रियों में यह इस्तेमाल होता था, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।
विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर आदित्य डबास ने बताया कि इसी तरह खाद की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु विभाग द्वारा पिछले वर्ष 112 सैंपल लिए गए, जिनमें से 5 सैंपल निम्न स्तर के पाए गए। इसके अतिरिक्त एक औद्योगिक इकाई से कृषि योग्य यूरिया की पुष्टि होने पर फर्म एवं सप्लायर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। उन्होंने बताया कि एक गोदाम से लिए सैंपल में किसानों के इस्तेमाल वाले यूरिया का भी सामने आया है। इस बारे में नोटिस दिया गया है और जल्दी ही मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि कीटनाशकों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा पिछले साल 87 नमूने लिए गए थे, जिनमें 4 नमूने निम्न स्तर के पाए गए हैं। डॉक्टर डबास ने बताया कि बीज की गुणवत्ता की जांच हेतु विभाग द्वारा गत वर्ष विभिन्न बीज विक्रेताओं से विभिन्न कंपनियों के 66 नमूने लिए गए थे, जिनमें से 3 नमूने निम्न स्तर के पाए गए। उन सभी बीज विक्रेताओं व निर्माता कंपनियों के विरुद्ध न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकद्दमे दर्ज करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में किसानों का सब्सिडी वाला यूरिया प्लाईवुड फैक्टीह में इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बीज विक्रेताओं को भी चेतावनी दी कि वह गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें, मिलावट या घटिया स्तर का बीज एवं कीटनाशक इस्तेमाल करने पर उनके खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।