सिंचाई विभाग के खिलाफ किसानों ने सौंपा ज्ञापन
प्रदेश के राजनीतिक रूप से प्रसिद्ध गांव चौटाला में ‘उल्टी गंगा’ बह रही है। नहरी पानी की गंभीर किल्लत ने यहां के हालात बिगाड़ दिए हैं। यहां के लोग पानी के लिए अब राजस्थान के संगरिया शहर से महंगे दामों पर पानी खरीदने को मजबूर हो गए हैं। विडंबना है कि जो राजस्थान पानी के लिये पंजाब व हरियाणा पर निर्भरता रखता है, उसी राजस्थान की नहरों से महंगे दाम पर खरीद कर चौटाला के लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
पिछले तीन वर्षों से मौजगढ़ हैड से निकलने वाली चौटाला डिस्ट्रिब्यूटरी के टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक इसी वजह से चौटाला गांव और आसपास की ढाणियों के लोग पीने व मवेशियों के लिए पानी की भारी परेशानी झेल रहे हैं। घरों में उपयोग होने वाला पानी पड़ोसी राज्य से खरीदने के लिये महंगे दाम अदा करने पड़ते हैं। किसान दयाराम उलाणिया ने कहा कि रोडी जल सेवा मंडल सिरसा के अधिकारियों को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी पानी न पहुंचने की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। बरसात के बावजूद चौटाला नहर में मात्र दो हिस्से भी पानी नहीं चल रहा। किसानों ने दोटूक कहा कि अगर तीन दिनों के भीतर चौटाला डिस्ट्रिब्यूटरी में पानी नहीं छोड़ा गया तो वे नहर को मिट्टी डालकर पाट देंगे और नहरी विभाग सिरसा के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे। सोमवार को चौटाला के किसानों का एक शिष्टमंडल डबवाली पहुंचा और उपमंडलाधीश की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार रविकुमार को ज्ञापन सौंपा। शिष्टमंडल में दयाराम उलाणिया, अश्वनी सहारण, आनंद पुनिया, सुरजीत सिंह, सुरेंद्र, गौरव सहारण, भंवर छिम्पा, सुरेंद्र गोदारा और प्रेम गुरिया शामिल रहे।
समाधान हेतु प्रोजेक्ट प्रक्रिया जारी: एसडीओ
सिंचाई विभाग उपमंडल डबवाली के एसडीओ सुनील गोयल ने कहा कि नहरों में जितना पानी उपलब्ध है, वही सप्लाई किया जा रहा है। चौटाला डिस्ट्रिब्यूटरी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पुनर्निर्माण की परियोजना प्रक्रिया जारी है।