खाली नहर में सिर पर काली पट्टी बांधकर किसानों ने लगाई दौड़
पूरा पानी देने की मांग को लेकर चौटाला डिस्ट्रीब्यूटरी की टेल पर अनिश्चितकालीन धरने के तीसरे दिन शनिवार को किसानों ने अपने सिर पर काली पट्टी बांधकर खाली नहर में दौड़ लगाई। किसानों का आरोप है कि वे प्रशासन को नींद से जगाने का प्रयास कर रहे हैं। इस धरने में आसाखेड़ा टेल और तेजाखेड़ा टेल के किसान भी शामिल हुए। सभी ने कहा कि नहर के अंतिम छोर यानि टेल तक पानी नहीं पहुंचने के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं और प्रशासन केवल दफ्तरों में बैठकर धरना खत्म करने के आदेश दे रहा है।
किसानों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं आ रहे और न ही उनकी पीड़ा सुनने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि शुक्रवार को चौटाला नहर में पानी छोड़ा गया था, लेकिन प्रशासन की नाकामी से नहर एक बार फिर टूट गई। इस वजह से खेतों में सिंचाई नहीं हो सकी और कई किसानों की फसलें खराब होने लगीं। उन्होंने कहा कि यह नुकसान सीधे-सीधे प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है।
धरने पर मौजूद नेताओं और किसानों ने चेतावनी दी कि अगर सोमवार दोपहर 12 बजे तक एसडीएम और विभागीय एक्सईएन ने मौके पर आकर किसानों की समस्याओं को न सुनी तो वे नेशनल हाईवे जाम करने को मजबूर होंगे। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते कहा कि हालात न सुधरे तो वे किसी वाटरवर्क्स की डिग्गी में कूदने जैसे आत्मघाती कदम तक उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।
डबवाली में शनिवार को चौटाला नहर में अपने सिर पर काली पट्टी बांधकर दौड़ लगाते गांव चौटाला के किसान। -निस