जलभराव से बर्बाद फसलों के मुआवजे को लेकर किसानों का प्रदर्शन
फतेहाबाद में तहसील प्रधान पतराम ढाणी ईशर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री के नाम का ज्ञापन एडीसी को सौंपा।
इस मौके जिला प्रधान विष्णु दत्त, तहसील सचिव ओमप्रकाश फगेडिय़ा, धर्मपाल फौजी, डॉ पृथ्वी सिंह बाना ,हंसराज, सुशील, राजेंद्र, सतबीर, सुरेश, भगवान दास, कुलदीप, राजेश, राधेश्याम आदि किसान शामिल रहे।
तहसील सचिव ओमप्रकाश फगेड़िया ने ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि जिला में किसान अलग-अलग इलाके में अलग-अलग किस्म की फसलें उगाते हैं। जिले में धान, कपास, मूंग, मूंगफली की फसलें होती हैं। गांव बड़ोपल, चिंदड, धारनिया, कुम्हारिया, खाराखेड़ी से लेकर भट्टू कलां का ज्यादातर हिस्सा में कपास, मूंगफली, धान, ग्वार की फसलें की बुआई की गई थी, जो सेम व बरसात के जल भराव से लगभग बर्बाद हो गया है।
ये रखी मांगें
किसान सभा ने मांग की कि अगली बिजाई के लिए बिना कोई शर्त के किसानों को डीएपी खाद को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के माध्यम से वितरित की जाए। खाद की कालाबाजारी और खाद के साथ अन्य सामान देने वाले विक्रेताओं पर सख्त एक्शन लिया जाए। नरमा, कपास, धान, मूंगफली व बाजरी की खरीद एमएसपी पर सुनिश्चित की जाए। बरसात से हुए जलभराव से खेतों में जमा पानी की तुरंत निकासी करवाई जाए। खराब फसलों का प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा बिजाई से पहले दिया जाए। बरसात से हुई मृत्यु पर 10 लाख मुआवजा, मकान गिरने पर पुनर्निर्माण के लिए 4 लाख व रिपेयर के लिए 2 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए। पराली जलाने पर किसानों पर मुकदमें दर्ज करने की बजाय पराली प्रबंधन के लिए किसानों को 5 हजार रुपये प्रति एकड़ सहायता दी जाए।
मिला सकारात्मक आश्वासन
अतिरिक्त उपायुक्त ने जल्दी ही फसलों पर बातचीत के लिए किसान सभा के साथ मीटिंग करने का विश्वास दिलाया और सभी मांगों पर सकारात्मक रूप अपनाते हुए हल करने का आश्वासन दिया।