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किसानों की दो टूक : सरकार ले ज़मीन, पर दे 5 करोड़ और रोजगार

भले ही कई जगह किसान जिला जींद में सफ़ीदों उपमंडल के क्षेत्र सहित 12 हजार एकड़ में आईएमटी स्थापित करने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं लेकिन सफ़ीदों उपमंडल के जामनी गांव में आज अनेक भूमालिक किसानों...
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भले ही कई जगह किसान जिला जींद में सफ़ीदों उपमंडल के क्षेत्र सहित 12 हजार एकड़ में आईएमटी स्थापित करने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं लेकिन सफ़ीदों उपमंडल के जामनी गांव में आज अनेक भूमालिक किसानों का कहना था कि सरकार अच्छा भाव दे तो उन्हें कोई एतराज नहीं। इस गांव के 10 एकड़ के मालिक रामधन ने कहा कि भिवानी में सरकार ने 5 करोड़ के भाव से जमीन खरीदी है तो यहां भी आईएमटी के लिए किसानों को 5 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे वरना जमीन नहीं मिलेगी। उधर इस गांव के दीपक का कहना था कि आईएमटी बहुत अच्छी परियोजना है इसके आने से चारों दिशाओं में तरक्की होगी और रोजगार सुलग होंगे। इसमें सरकार को देर नहीं करनी चाहिए। एक अन्य भूमलिक साढ़े चार एकड़ के मालिक ओमप्रकाश का कहना था कि परियोजना अच्छी है लेकिन मुआवजा भी करोड़ों में हो और आईएमटी के उद्योगों में भूमालिक परिवार से कम से कम एक नौकरी अच्छे वेतन पर मिले तभी फायदा है। इस गांव के आनंद शर्मा ने कहा कि आईएमटी सरकार की बहुत अच्छी सोच है इस पर काम करने में विलंब नहीं करना चाहिए और जहां तक मुआवजे की बात है किसानों के साथ बैठकर बातचीत की जानी चाहिए। बता दें कि जिस 12000 एकड़ में हरियाणा राज्य लघु उद्योग विकास निगम का आईएमटी विकसित करने का प्रस्ताव सरकार लेकर आई है उसके लिए सफीदों उपमंडल के सफीदों व अलेवा खंडों के 14 गांवों की 12000 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है।इनमें सफीदों उपमंडल के गांव अमरावली खेड़ा, ढाटरथ व जामनी की जमीने में भी शामिल हैं। सरकार ने इस परियोजना को अपने ई-भूमि पोर्टल पर डालकर 31 अगस्त 2025 तक संबंधित भूमालिकों से इस परियोजना के लिए सरकार को जमीन देने की सहमति मांगी है। जो भूमालिक सरकार को इसके लिए जमीन देना चाहते हैं वे ईभूमि पोर्टल पर जाकर अपनी सहमति दे सकते हैं लेकिन क्योंकि आम भूमालिकों की ई-पोर्टल तक पहुंच नहीं है ना ही उन्हें इसका ज्ञान है बीती 30 जुलाई को आई इस योजना में भूमालिकों से सहमति लेने की सरकार की प्रक्रिया में कुछ खास हासिल नहीं हो पाया है।

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