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फसल अवशेष की गांठें बेचकर किसान हो रहे मालामाल

पानीपत में एक शोरूम में बेचने के लिये रखी स्केयर वाली बेलर मशीनें। -हप्र
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बिजेंद्र सिंह/हप्र

पानीपत, 22 जून

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कृषि विभाग किसानों को खेत में फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए बेलर मशीन पर 50 फीसदी अनुदान देता है। बेलर मशीन से पराली, गेहूं के फांस, गन्ने की पत्ती व मक्का की गांठें बनाई जाती हैं। कृषि अधिकारियों के अनुसार एक एकड़ में धान की पराली की 2 टन, गन्ने की पत्ती की चार टन, मक्का की तीन टन व गेहूं के फांसों की डेढ टन गांठें बनती है। पानीपत जिले में पिछले सीजन में 1 लाख मीट्रिक टन वजन की गांठे बनी थीं, जोकि किसानों द्वारा जिले के गांव अटावला के सीबीजी प्लांट में 45 हजार एमटी, पानीपत इंडस्ट्री में 20 हजार, गांव निंबरी में विरेंद्र पहलवान के प्लांट में 15 हजार एमटी व आईओसीएल को 20 हजार एमटी की गांठें बेची गईं। फसल अवशेषों से बनाई गई ये गांठें अलग-अलग काम आती हैं। बेलर 2 तरह के होते है, स्केयर बेलर में तो अवशेषों की स्केयर में ही गांठ बनती हैं, जोकि 40-50 किलो तक होती हैं, लेकिन दूसरी किस्म का राउंड बेलर होता है और उसमें गांठों का साइज कम-ज्यादा किया जा सकता है। बेलर मशीन से जो किसान अपने खेत में फसल के अवशेषों की गांठें बनवाता है तो कृषि विभाग द्वारा उसको प्रति एकड एक हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। हालांकि इसको अभी 1200 रूपये बढाने की कहा गया है। पानीपत जिला में पिछली बार करीब 5 हजार किसानों ने 54 हजार एकड में फसल अवशेष प्रबंधन के तहत रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। सरकार द्वारा इन किसानों को एक हजार प्रति एकड राशि दी जाएगी। जिला के काफी किसानों की यह राशि हाल ही में आई है। कृषि सहायक अभियंता डाॅ. सुधीर ने बताया कि पिछले कई वर्षो में जितने भी किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया, उन सभी को बेलर मशीन पर अनुदान दिया गया। इस वर्ष के लिये जल्द रजिस्ट्रेशन शुरू होने वाला है और जो भी किसान बेलर लेना चाहते हैं उनको पहले अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जिले में पिछले सीजन में बेलर मशीनों द्वारा 1 लाख एमटी की गांठें बनाई गई और उनके बेचने से किसानों को बहुत अच्छा मुनाफा हुआ है।

पिछले 3 वर्षों में निरंतर बढ़ रही बेलरों की संख्या

पानीपत में इस समय 30 से ज्यादा बेलर चालू हालत में हैं और विभाग एक बेलर की औसतन आयु 3 वर्ष मानता है। कृषि विभाग द्वारा 2022-23 में 8 बेलर, 2023-24 में 11 बेलर और 2024-25 में 17 बेलरों पर 50 फीसदी अनुदान दिया गया। इस वर्ष 2025-26 के लिये बेलर मशीन लेने के लिये कृषि विभाग के पोर्टल पर जल्द ही रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। किसान के पास बेलर के लिये 55 एचपी से बढ़ा ट्रैक्टर होना चाहिये। स्केयर बेलर करीब 12 लाख का आता है।

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