डीएफएससी को थप्पड़ मारने पर किसान नेता चढ़ूनी गिरफ्तार
- किसानों ने प्रशासन को दिया 25 अक्तूबर तक का अल्टीमेटम, प्रजापति समाज डीएफएससी के समर्थन आया
धान की खरीद में भ्रष्टाचार और किसानों की उपज की अनदेखी के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने मंगलवार देर रात लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने धान से भरी ट्रॉली लेकर डीसी कार्यालय के बाहर पहुंचकर अधिकारियों को धान की खराब हालत दिखाने का प्रयास किया। किसानों ने पूरी रात वहीं धरना देकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों का आरोप था कि प्रशासन धान की खरीद में जानबूझकर लापरवाही बरत रहा है और भ्रष्टाचार कर रहा है। सुबह तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा तो किसानों ने हंगामा तेज कर दिया। बाद में पुलिस और जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) राजेश आर्य सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसी दौरान कहासुनी के बीच चढूनी ने डीएफएससी को थप्पड़ जड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। घटना के बाद चढ़ूनी ने रोते हुए कहा कि धान की यह हालत भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी राइस मिल मालिकों से मिले हुए हैं और कट के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि नमी रहित धान को भी नमी वाला बताकर खरीद से इनकार किया जा रहा है। चढ़ूनी ने चेतावनी दी कि यदि 25 अक्तूबर तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो प्रदेशभर के किसान कुरुक्षेत्र में जुटकर बड़ा आंदोलन करेंगे। पुलिस ने चढ़ूनी समेत करीब 30 किसानों को हिरासत में लिया और बाद में सिटी थाने ले जाकर पूछताछ की। किसान प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच वार्ता के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया। इस बीच प्रजापति समाज डीएफएससी के समर्थन में उतर आया। समाज के प्रधान पवन प्रजापति ने कहा कि अधिकारी पर हमला गंभीर अपराध है और चढूनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो ओबीसी समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा। वहीं कुरुक्षेत्र के डीसी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जिला धान खरीद, उठान और भुगतान में पूरे प्रदेश में नंबर-1 पर है। उन्होंने कहा कि चढ़ूनी ने कानून हाथ में लेकर सरकारी कार्य में बाधा डाली, जिस पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। डीसी ने किसानों से अपील की कि वे कानून को अपने हाथ में न लें। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और किसी को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।