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स्वतंत्रता दिवस समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को किया नजरअंदाज

देश को आजाद कराने के लिए जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने घर-परिवार का त्याग कर स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेकर ब्रिटिश सरकार की गुलामी से आजादी दिलाई, आज आजादी के 79 साल बाद प्रशासन ने उन्हें भुला दिया है। समालखा...
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देश को आजाद कराने के लिए जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने घर-परिवार का त्याग कर स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेकर ब्रिटिश सरकार की गुलामी से आजादी दिलाई, आज आजादी के 79 साल बाद प्रशासन ने उन्हें भुला दिया है।

समालखा की नई अनाज मंडी मे 15 अगस्त को आयोजित उपमंडल स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रशासन में सराहनीय कार्य करने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं यहां तक कि पूर्व सरपंचों को सम्मानित किया गया, लेकिन हैरत की बात है कि उपमंडल प्रशासन स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के परिजनों को सम्मानित करना भूल गया।

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स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर देश की आजादी के दीवानों के परिवारों को नजरअंदाज करने पर समालखा क्षेत्र से आजादी के आंदोलन मे अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी लाला सूरजभान गुप्ता के पुत्र एव पूर्व नगर पार्षद सत्यप्रकाश गर्ग ने उपमंडल प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। इसी तरह समालखा क्षेत्र में लाला सूरजभान गुप्ता के नेतृत्व में 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के आह्वान पर एकमात्र सरकारी भवन डाकघर के पर तिरंगा फहराने वाले रघुनाथ सहाय के वारिस उनके दामाद धर्मपाल ने भी उपमंडल प्रशासन की इस अनदेखी की कड़ी भर्त्सना की है।

इस संदर्भ में जब समालखा के एसडीएम से बात की तो उन्होंने कहा कि आपके पास जानकारी का अभाव है।

प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के परिजनों को घर-घर जाकर सम्मानित किया गया है। उल्लेखनीय है कि समालखा क्षेत्र से 18 के करीब स्वतंत्रता सेनानी हुए हैं, जिन्होने देश को आजाद कराने की जंग में अहम भूमिका निभाई थी।

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