यूक्रेन में फंसे फतेहाबाद के युवकों के परिजनों ने विदेश मंत्रालय में लगायी गुहार
रशियन आर्मी में शामिल करके युद्ध में भेजे गए जिले के दोनों युवकों के परिजन बृहस्पतिवार को दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय पहुंचे। युवकों के परिजनों ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से अंकित व विजय की सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई। दिल्ली गए अंकित के बड़े भाई रघुबीर व उसके साथी पारस ने दैनिक ट्रिब्यून से फोन पर बातचीत में कहा कि वे मंत्रालय की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भेजी गई गृह विभाग को मेल दिखाई। जो गृह विभाग से उनके विभाग को आई थी। रघुबीर व पारस ने बताया कि विदेश विभाग ने उन्हें रूस को भेजी गई ई-मेल व उनका जवाब दिखाया कि वे दोनों युवकों को ट्रेस कर रहे हैं। दूसरी ओर युवकों के परिजनों ने बृहस्पतिवार शाम टेलीग्राम एप के माध्यम से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वे इस समय यूक्रेन के डोनेस्को में है। परिजनों के अनुसार युवकों ने बताया कि भारत में उनकी खबरें मीडिया में आने के बाद उनके मोबाइलों से वाट्सएप डिलीट करवा दिया व उन्हें धमकाया जा रहा है कि वे अपने परिवार को कहे कि वे रशियन आर्मी में खुश हैं। वहीं रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती को लेकर केंद्र सरकार ने अपना बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमने हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के बारे में रिपोर्ट देखी है। सरकार ने पिछले 1 साल में कई मौकों पर इस तरह की कार्रवाई में निहित जोखिमों व खतरों को रेखांकित किया है। हमने दिल्ली और मॉस्को दोनों जगहों पर रूसी अधिकारियों के साथ भी यह मामला उठाया है। हमने अनुरोध किया है कि हमारे नागरिकों को वापस भेजा जाए।