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हथिनीकुंड बैराज के 17 गेट खोलकर दिल्ली डायवर्ट किया अतिरिक्त पानी

यमुना नदी के कैचमेंट एरिया में जोरदार बरसात से हथिनीकुंड बैराज के 18 में से 17 गेट खोल दिये और अतिरिक्त 38 हजार 78 क्यूसेक पानी दिल्ली डायवर्ट किया गया है। दो सप्ताह में दूसरी बार जलस्तर 50 हजार क्यूसेक...
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छछरौली में हथिनीकुंड बैराज में आया पानी। -निस
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यमुना नदी के कैचमेंट एरिया में जोरदार बरसात से हथिनीकुंड बैराज के 18 में से 17 गेट खोल दिये और अतिरिक्त 38 हजार 78 क्यूसेक पानी दिल्ली डायवर्ट किया गया है। दो सप्ताह में दूसरी बार जलस्तर 50 हजार क्यूसेक को क्रॉस कर गया। चालू मानसून सीजन में अभी तक नदी का जलस्तर डेंजर पॉइंट से बहुत नीचे रहा है। हथिनीकुंड बैराज पर जिले में सबसे अधिक 86 मिमी बरसात हुई। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों पर हुई बरसात से हथिनीकुंड बैराज पर नदी का जलस्तर बढ़कर 53 हजार 398 क्यूसेक पर पहुंच गया है। बैराज के 17 गेट खोलकर बाढ़ के पानी को दिल्ली की ओर छोड़ा जा रहा है। ज्ञात हो कि 3 जुलाई को पहाड़ियों पर हुई बरसात से नदी का जलस्तर बढ़कर 54 हजार 618 क्यूसेक तक पहुंच गया था। सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक बाढ़ का पानी एक लाख क्यूसेक क्रॉस करने पर बैराज से नहरों की जलापूर्ति बंद कर दी जाती है और फ्लड घोषित कर दिया जाता है। कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज पर सोमवार को सुबह सबसे अधिक 86 मिलीमीटर बरसात हुई। प्रताप नगर में 61 एमएम बरसात दर्ज की गई। हिमाचल के पावंटा साहिब में 48 मिलीमीटर बरसात हुई। सोमवार दोपहर एक बजे नदी का जलस्तर बढ़कर 53 हजार 398 क्यूसेक पर पहुंच गया। 2 घंटे के बाद बाढ़ का पानी उतारना शुरू हो गया। हथिनीकुंड से निकलने वाली पश्चिमी यमुना नहर में 13 हजार 310 क्यूसेक तथा उत्तर प्रदेश की पूर्वी नहर में 2010 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की जा रही है।

शाहाबाद मारकंडा (निस) : पहाड़ों पर हुई बरसात का पानी सोमवार दोपहर 3.45 बजे मारकंडा नदी में पहुंचना शुरू हो गया। 7 हजार क्यूसिक पानी पहुंच गया था और इसका जलस्तर 20 से 25 हजार क्यूसिक जा सकता है। गेज रीडर रविंद्र कुमार ने बताया कि यह पहाड़ों पर हुई बरसात का पानी है और मुलाना में 32 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है, जबकि कालाअंब में 8 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है। रूण नदी में भी 11 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है। जो मुलाना में मारकंडा नदी में आकर मिलता है। मौसम विभाग ने पहाड़ों पर 3 दिन का बारिश का अलर्ट दिया है और जब तक यह पानी मारकंडा नदी से आगे निकलेगा तब तक यदि पहाडों पर और बरसात होती है तो दोबारा पानी आ सकता है।

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