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गाढ़ी कमाई खर्च कर भी स्वयं को ठगा-सा महसूस कर रहे जयसिटी के बाशिंदे

प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से लगाई गुहार भी नहीं आई काम
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जगाधरी स्थित जयसिटी की खस्ताहाल सड़क। -हप्र
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जगाधरी, 10 अप्रैल (हप्र)

जगाधरी के गुलाब नगर, पाबनी रोड पर करीब 53 एकड़ में बनी हुई जयसिटी कॉलोनी को 2004 में दिल्ली की नामचीन बिल्डर्स कंपनी ने विकसित किया था। इसे बाकायदा हरियाणा सरकार तथा जिला टाउन एंड कंट्री प्लानर ने मंजूरी दी थी। यहां पर रहने वालों के अनुसार यह कंपनी 2016 में दिवालिया घोषित होने के बाद नगर निगम को हैंडओवर किए बिना यहां रहने वाले लोगेंं को भगवान भरोसे छोड़ कर चली गई। उसके बाद आज तक जयसिटी रेजिडेंशियल वेलफेयर संगठन के द्वारा जयसिटी निवासियों से मासिक शुल्क लेकर इसकी देखरेख की जा रही है। लाखों खर्च करके भी यहां पर रहने वाले लोग स्वयं को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं।

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खराब स्ट्रीट, बदहाल रास्ते आदि समस्याओं से यहां के बाशिंदे बेहाल हैं। यहां पर रहने वालों का कहना है कि कभी लाइट खराब होती है तो ठीक होने में घंटे लग जाते हैं। उनका कहना है कि बिजली बोर्ड का कोई भी कर्मचारी जयसिटी के अंदर लाइट ठीक करने नहीं आता है। जयसिटी के अंदर बेसहारा पशु घूमते रहते हैं। यहां के लोग कई बार प्रशासन से भी मिल चुके हैं, लेकिन हुआ कुछ खास नहीं। कॉलोनी वासियों का कहना है कि पिछले 20 सालों से यहां की तारें अंडरग्राउंड होने के कारण बहुत जगह से खराब हो चुकी हैं, जिनको पूर्णतया बदलने की जरूरत है। एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट मांगे राम पंवार भी मानते हैं कि यहां पर समस्याओं का अंबार है। गंदे पानी की निकासी का प्रबंध भी नहीं है। इस अवसर पर जयसिटी रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान मांगेराम, शिव मंदिर प्रधान विनोद गुप्ता, जयसिटी गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के प्रधान राजेंद्र सिंह चावला, सचिव गुरदीप सिंह, दिनेश चंद सिंगला, पवन खुराना, गुरमेल संधू, सीएस भाटिया आदि ने प्रशासन से उनकी समस्याओं का समाधान कराये जाने की मांग की है।

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