अनाज मंडी में पर्याप्त इंतजाम न होने से फसल की बेकद्री
मंडी वॉच : बारिश में भीगी गेहूं
सुरेंद्र मेहता/ हप्र
यमुनानगर, 6 मई
किसान अपना खून पसीना बहाकर अपने अनाज को तैयार करके मंडियों में लाता है। लेकिन मंडियों में अनाज की बेकद्री होती है। पिछले एक सप्ताह में दो बार बारिश के चलते किसानों का गेहूं खराब हो चुका है। अभी 7 मई तक का मौसम में बदलाव का अलर्ट है। इसके बावजूद मंडियों में पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।
यमुनानगर अनाज मंडी में अभी भी खुले आसमान के नीचे गेहूं रखा हुआ है। यमुनानगर जिला सचिवालय के सामने स्थित इस अनाज मंडी में गेहूं जगह-जगह बिखरा हुआ है, यह वह गेहूं है जो दो बार हुई वर्षा के चलते खराब हो चुका है।
इस मंडी में बने शेड के बीच में भारी संख्या में गेहूं रखा हुआ है। मंडी सचिव विशाल गर्ग भी मानते हैं कि 90% लिफ्टिंग हो चुकी है लेकिन 10% अभी भी मंडियों में रखा हुआ है, जिसके चलते बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीचे रखा गया गेहूं भीग रहा है। मंडी सचिव कहते हैं कि जिस एजेंसी ने यह गेहूं खरीदा है उसकी जिम्मेदारी है उठाने की। उसका गेहूं भीगा है उसे लिखा गया है वह जल्दी से उठा ले।
खोखले साबित हुए दावे : सतपाल कौशिक
किसान नेता सतपाल कौशिक का कहना है कि मंडियों में कितना गेहूं आना है, किस मंडी में कितना गेहूं आएगा, यह पहले से तय होता है। इसलिए सरकार को पहले से इंतजाम किए जाने चाहिए। मंडियों में पानी निकासी का प्रबंध न होने के चलते भी ऐसे हालात पैदा होते हैं। दावे किए जाते हैं सारे इंतजाम कर लिए गए, लेकिन जब वर्षा आती है तो पता लगता है कि किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं था।
मंडियों में पहुंचा गेहूं का हुआ उठान : डीसी
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि चालू रबी सीजन में 5 मई 2025 तक जिला की बिलासपुर अनाज मंडी में 32,818 मीट्रिक टन गेहूं, छछरौली मंडी में 38,221 मीट्रिक टन गेहूं, गुमथला राव मंडी में 7,303 मीट्रिक टन गेहूं, जगाधरी मंडी में 44,419 मीट्रिक टन गेहूं, जठलाना मंडी में 5,168 मीट्रिक टन गेहूं, खारवन मंडी में 5,718 मीट्रिक टन गेहूं, प्रताप नगर मंडी में 46,759 मीट्रिक टन गेहूं, सरस्वती नगर में 41,592 मीट्रिक टन गेहूं, रादौर में 41,454 मीट्रिक टन गेहूं, रणजीतपुर मंडी में 11,573 मीट्रिक टन गेहूं, रसूलपुर मंडी में 8,751 मीट्रिक टन गेहूं, साढौरा मंडी में 19,892 मीट्रिक टन गेहूं तथा यमुनानगर मंडी में 287 मीट्रिक टन गेहूं, की आवक हुई जिसकी खरीद विभिन्न सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है।