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मौत के बाद भी वेंटिलेटर का ड्रामा, बनाया लाखों का बिल , विधायक ने खोली पोल

निजी अस्पताल या लूट का अड्डा ?
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विधायक देवेंद्र कादियान
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निजी अस्पताल द्वारा मृत व्यक्ति को मरीज बनाकर दो दिन तक वेंटिलेटर का ड्रामा कर लाखों का बिल बनाया गया। ये खुलासा हरियाणा के गन्नौर क्षेत्र से विधायक देवेंद्र कादियान ने निजी अस्पतालों की मनमानी और अमानवीय व्यवहार पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सोनीपत व आसपास के क्षेत्रों में कुछ निजी अस्पताल इलाज के नाम पर धड़ल्ले से लूटपाट कर रहे हैं। इतना ही नहीं, हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया।

वसूले लाखों, किया वेंटिलेटर का ड्रामा, मौत दो दिन पहले

विधायक कादियान ने एक चौंकाने वाला मामला साझा किया, जिसमें एक अधेड़ व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को यह कहकर गुमराह किया कि मरीज की हालत नाजुक है और वेंटिलेटर पर रखना अनिवार्य है। दो दिनों तक मृत शरीर को मशीनों से जोड़कर रखा गया और इस दौरान कई लाख रुपये का बिल थमा दिया गया।

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जब परिजनों को शक हुआ और उन्होंने पोस्टमार्टम कराया, तो रिपोर्ट में सामने आया कि मरीज की मौत दो दिन पहले ही हो चुकी थी। यानि अस्पताल ने सिर्फ पैसे वसूलने के लिए मृतक को "जीवित" दिखाया।

विधायक ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कहा-

'डॉक्टरों को भगवान माना जाता है, लेकिन जब सेवा की जगह लालच आ जाए, तो समाज के लिए यह खतरे की घंटी है। इलाज अब व्यापार बन गया है, जहां मरीज की जान की कीमत नहीं, सिर्फ पैसे देखे जाते हैं।'

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज और चिकित्सा व्यवस्था के लिए कलंक हैं। अगर अस्पतालों की यह मनमानी नहीं रुकी, तो आम जनता का भरोसा टूट जाएगा।

वेंटिलेटर का ड्रामा-सरकार तक जाएगी आवाज, विधानसभा में उठेगा मुद्दा

विधायक ने यह भी घोषणा की कि सोनीपत जिले के सभी विधायक इस मामले को मिलकर सरकार के सामने रखेंगे। विधानसभा सत्र में इस विषय को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

मरीज की जान के नाम पर पैसे वसूलना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि कानूनी अपराध भी है। अब यह बर्दाश्त नहीं होगा। बता दें कि मरीज की मृत्यु के बाद इलाज का खर्च वसूलना धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। विधायक देवेंद्र कादियान की इस पहल ने ऐसे मुद्दे को सामने लाकर एक जरूरी बहस छेड़ दी है।

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