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डॉ. मोनिका भारद्वाज शिक्षा संस्थानों में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने में जुटी

मानवता की सबसे बड़ी आवश्यकता पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में पिछले लगभग 20 साल से व्यक्तिगत भूमिका निभाते हुए और ग्रीन अर्थ संगठन की फाउंडर मेंबर महिला डॉ. मोनिका भारद्वाज खास काम कर रही हैं। वे अपनी नौकरी...
स्वच्छता के लिए काम करती डॉ. मोनिका भारद्वाज। -हप्र
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मानवता की सबसे बड़ी आवश्यकता पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में पिछले लगभग 20 साल से व्यक्तिगत भूमिका निभाते हुए और ग्रीन अर्थ संगठन की फाउंडर मेंबर महिला डॉ. मोनिका भारद्वाज खास काम कर रही हैं। वे अपनी नौकरी तथा परिवार की पूरी जिम्मेदारी निभाते हुए पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य और सुरक्षा के काम में भी जुटी हुई हैं। और इस कोशिश में लगी हैं कि छोटे-छोटे सजग प्रयासों से कैसे अपने घर, संस्थान व समाज को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सकता है। इस क्षेत्र में जमीनी काम करते हुए उन्होंने अपना स्वयं का घर भी ईको फ्रेंडली बनाया हुआ है। इसके साथ उनका सम्पूर्ण परिवार पॉलीथिन, सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल से बने सामानों को पिछले 15 साल से किसी भी रूप में प्रयोग न करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

पर्यावरण प्रेमी होने के नाते उनका मानना है कि प्रकृति और महिलाएं दोनों ही सृजन और संसार संवारने की शक्ति रखती है। डॉ. मोनिका भारद्वाज ने आंगनवाड़ियों, नुक्कड़ सभाओं, स्कूलों और पंचायतों से शुरू किए गए इस जागरूकता सफर में समय के साथ कई प्रकल्पों को शामिल कर लिया है। उन्होंने अपने सजग प्रयासों से अपनी संस्था के माध्यम से 5 गांवों को खुले में शौच मुक्त कराने, एक गांव कनिपला का जंगल बचाने, रेलवे रोड के पेड़, पेड़ों को डी-कंक्रीटाईज (नीचे से कच्चा), ठोस कचरा प्रबंधन बारे जागरूकता और अपनी मुहिम के माध्यम से जितने बच्चे उतने पेड़, सीधा संवाद, मेरी रात-मेरी सड़क जैसे कार्यक्रमों से सामाजिक जागरूकता लाने के सार्थक प्रयास किए हैं। ज्योतिसर में स्थित प्राचीन गीता साक्षी वट वृक्ष को कच्चा कराने, जाल मुक्त कराने एवं बचाने के मामले में भी उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

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ज्योतिसर में कृष्ण भगवान के विराट स्वरूप को स्थापित करने से पहले 24 पेड़ों को बचाने का काम भी उन्होंने किया है। जिले के 487 प्राथमिक विद्यालयों में वे पर्यावरण संरक्षण, पौधारोपण, जल बचाओ और स्वच्छता संबंधी कार्यक्रम करवाती रहती हैं। पौधारोपण ड्राइव में कुरुक्षेत्र जिले के पूरे राज्य में प्रथम आने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्हें इन क्षेत्रों में काम करने के लिए भारत के राष्ट्रपति, भारत सरकार और हरियाणा के मुख्यमंत्री सहित कई विभागों द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।

कर्मठ कन्याएं

दैनिक ट्रिब्यून ने नवरात्र पर्व पर उन देवियों के असाधारण कार्यों को अपने पाठकों तक पहुंचाने का एक विनम्र प्रयास किया है, जो सुर्खियों में न आ सकीं। इसी कड़ी में प्रस्तुत है वह आदर्श महिला जो अनेक मुश्किलों के बीच अपना अाकाश तलाशने में जुटी है।
           -संपादक
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