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डेंटल कॉलेज में 'दांतों की बीमारी का शरीर पर असर' विषय पर चर्चा

दांतों की बीमारियों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। क्योंकि दांत की बीमारियों से शरीर को भी नुकसान हो सकता है। यहां तक की मुंह की बीमारी से डायबिटीज और हृदय तक की बीमारी हो सकती है। यह जानकारी...
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यमुनानगर के डेंटल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते विद्यार्थी एवं अतिथि। -हप्र
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दांतों की बीमारियों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। क्योंकि दांत की बीमारियों से शरीर को भी नुकसान हो सकता है। यहां तक की मुंह की बीमारी से डायबिटीज और हृदय तक की बीमारी हो सकती है। यह जानकारी डीएवी डेंटल कॉलेज में भारतीय सोसायटी ऑफ पीरियोडोंटोलॉजी और इम्प्लांटोलॉजी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर के समीक्षा कार्यक्रम में देशभर से आए विशेषज्ञों ने दांत की बीमारी का शरीर पर असर विषय पर चर्चा में दी।

भारतीय सोसायटी ऑफ पीरियोडोंटोलॉजी और इम्प्लांटोलॉजी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा डॉ. निफिया पंडित ने कहा कि दांतों में दर्द न होने का मतलब यह नहीं है कि मुंह में कोई बीमारी नहीं है। हर 6 माह बाद दांतों का चेकअप करवाना चाहिए।

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अमृतसर से समीक्षा कार्यक्रम में पहुंची डॉ. सुप्रीत कौर ने कहा कि मुंह की बीमारियों से शरीर में भी अनेक बीमारियां पनप सकती है। उन्होंने कहा कि दांतों की बीमारियों से डायबिटीज, निमोनिया और हृदय रोग जैसी अनेक बीमारियां हो सकती हैं।

लखनऊ से आए विशेषज्ञ अमिताभ श्रीवास्तव, डॉ. विनीत बैंस, पंजाब यूनिवर्सिटी डेंटल कॉलेज चंडीगढ़ की डॉक्टर विशाखा ग्रोवर व लखनऊ से आई डॉ. मोना शर्मा, मसूड़े के विशेषज्ञ डॉक्टर डी एस कलसी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

छात्रों को विशेषज्ञ डॉ. गुरु प्रकाश सिंह, डॉ. आशुतोष नरूला, डॉ. शालिनी गुगनानी, डॉ. डीएस कलसी, डॉ. नितिन खुल्लर, डॉ. राजन गुप्ता, डॉ. दीपिका बाली ने अपने अनुभवों एवं नई रिसर्च से अवगत करवाया।

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