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श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में हुआ देवउठनी एकादशी पूजन एवं अभिषेक

ऋषि मारकंडेय और तुलसी-शालिग्राम विवाह का आयोजन श्रद्धा से सम्पन्न मारकंडा नदी के तट पर स्थित श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर, ठसका मीरां जी में रविवार को देवउठनी एकादशी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इस अवसर पर अखिल...

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कुरुक्षेत्र में जयराम विद्यापीठ में पूजन करते श्रद्धालु। -हप्र
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ऋषि मारकंडेय और तुलसी-शालिग्राम विवाह का आयोजन श्रद्धा से सम्पन्न

मारकंडा नदी के तट पर स्थित श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर, ठसका मीरां जी में रविवार को देवउठनी एकादशी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इस अवसर पर अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी व अन्य संतों के सान्निध्य में देवउठनी एकादशी पूजन एवं अभिषेक संपन्न हुआ। रविवार का दिन भगवान शिव के परम भक्त ऋषि मारकंडेय की पूजा का दिन भी माना जाता है।

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यजमान परिवार सुरजीत सिंह, मंजीत, रितेश, कविता और मामराज मंगला ने महंत जगन्नाथ पुरी के साथ भगवान शिव एवं ऋषि मारकंडेय की पूजा-अर्चना कर मंत्रोच्चारण के साथ शिवलिंग का अभिषेक किया। महंत जगन्नाथ पुरी ने देवउठनी एकादशी का महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने का प्रतीक है, जिसके बाद से ही विवाह, गृहप्रवेश और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।

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इस अवसर पर जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी एवं अन्य संतों के सान्निध्य में भी देवउठनी एकादशी पूजन, तुलसी माता की पूजा और तुलसी-शालिग्राम विवाह विधिवत रूप से संपन्न हुआ। महंत राजेंद्र पुरी ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह विवाह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करता है, जिससे सुख, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है।

उन्होंने पौराणिक कथाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि तुलसी (वृंदा) और भगवान विष्णु के विवाह से मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में जयराम विद्यापीठ में भी हर वर्ष की भांति तुलसी-शालिग्राम विवाह अनुष्ठान एवं यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसे आचार्य पंडित प्रतीक शर्मा ने ब्रह्मचारियों व विद्वान ब्राह्मणों के साथ वेद मंत्रों के उच्चारण से सम्पन्न करवाया। यजमान परिवार ओमप्रकाश एवं उनके परिजनों ने श्रद्धा व भक्ति के साथ इस अनुष्ठान में भाग लिया।

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