बंद होने की कगार पर देवीलाल विवि
पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रो. संपत सिंह ने कहा कि चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू) उपेक्षा और वित्तीय कुप्रबंधन के कारण बंद होने के कगार पर है। कांग्रेस भवन में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी स्थापना 2003 में पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की याद में प्रदेश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े क्षेत्र में किफायती और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा कि तत्काल सहायता के बिना चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय जो कभी वंचितों के लिए शिक्षा का केन्द्र था, इस वर्ष के भीतर बंद हो सकता है। विश्वविद्यालय चालू वित्तीय वर्ष मे 155.29 करोड़ रुपये के भारी बजट घाटे से जूझ रहा है। ट्यूशन फीस में बढोतरी और 27 करोड़ रुपये का राज्य ऋण के बावजूद कुल राजस्व केवल 59.20 करोड़ रुपये ही रहेगा। यह बुनियादी परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी अपर्याप्त होगा। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल अनुमानित पूंजीगत और आवर्ती व्यय 193.81 करोड़ रुपये रखा गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का अस्तित्व ही खतरे में है और कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। इसके बावजूद घाटा समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है। वित्तीय संकट के बावजूद पिछले एक दशक में आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिये बिना किसी पारदर्शिता के 535 अकुशल व्यक्तियों को काम पर रखा गया, जबकि आज तक 99 महत्वपूर्ण कुशल गैर-शिक्षण कर्मचारियों के पद खाली है। बाद में उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल किया गया। चालू वित्त वर्ष में इनसे सीडीएलयू पर 21.34 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रो. संपत सिंह ने यह भी मांग की है कि विधानसभा समिति को इस वित्तीय गड़बड़ी करने वाले जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए जांच करने के लिए कहा जाए।