अनेकता होने पर भी एक सूत्र में बंधे रहना भारतीय संस्कृति की ही देन : महंत रमेश शास्त्री जी
श्री लाल द्वारा मंदिर यमुनानगर में पहुंचे दातारपुर गद्दी के महाराज
हमें गर्व होना चाहिए कि हम हिंदू हैं। यह भारतीय संस्कृति की ही देन है कि अलग-अलग महजब, भाषा व वेशभूषा होने के बावजूद हम एक सूत्र में बंधे हुए है। यह कहना है सतगुरु श्री बावा लाल दयाल जी महाराज की दातारपुर गद्दी के महन्त श्री रमेश दास शास्त्री जी महाराज का, जो श्री लाल द्वारा मंदिर यमुनानगर में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। महंत जी श्रद्धालु देवेंद्र मेहता की बेटी के विवाह के उपलक्ष्य में आयोजित सत्संग में भाग लेने आए थे ।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी सभ्यता के चंगुल में फंसकर लोग अपनी सभ्यता को भूल रहे हैं और इसी का परिणाम है कि आज घर टूट रहे हैं। उन्होंने विवाह बंधन के महत्व पर भी प्रकाश डाला। मंदिर कमेटी के प्रधान रमेश मेहता ने महंत जी का स्वागत करते हुए बताया कि श्री लाल द्वारा मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। यहां पर न केवल 22 देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। 23 व 24 नवंबर को इन मूर्तियों का स्थापना दिवस समारोह बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान महंतजी का प्रबंधक कमेटी की तरफ से विशेष तौर पर स्वागत किया गया।
इस मौके पर योगेश शर्मा, केवल लूथरा, सुदर्शन ऐरी,दविंदर मेहता, वासुदेव वर्मा, सोनू मेहता, प्रदीप चड्ढा, नरेंद्र ओबरॉय, राजेंद्र सोबती भी उपस्थित रहे।
