इलाके में डेंगू पांव पसार रहा है, सोमवार को दो नये केस मिले हैं। इसके साथ ही इस सीजन में अब मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 22 हो गई है। एक मरीज चिकनगुनिया का भी मिला है। जहां इससे लोग परेशान हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पूरी चौकसी बरतने की बात कह रहे हैं। इस साल चिकनगुनिया का पहला मामला स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में आया है। सुभाषनगर में 16 वर्षीय किशोरी चिकनगुनिया से ग्रस्त मिली है। किशोरी को दो सितंबर को बुखार हुआ और छह सितंबर को लिए गए सेंपल की जांच में रिपोर्ट चिकनगुनिया पॉजिटिव आई। चिकनगुनिया के अलावा डेंगू के भी दो नए केस आए हैं, जिनमें शहर की लेबर कॉलोनी में 40 वर्षीय व्यक्ति और गांव भूखड़ी में चार वर्षीय बच्चा डेंगू पॉजिटिव पाए गया है। जिले में इस साल मिले डेंगू मरीजों की संख्या दो नए केस आने से 22 पर पहुंच गई है। दो नए मामलों में लेबर कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति को छह सितंबर को बुखार हुआ, जिसके दस सितंबर को सेंपल लिए गए थे। इसी तरह गांव भूखड़ी में चार वर्षीय बच्चे को दो सितंबर को बुखार होने पर छह सितंबर को सेंपल लिए गए। अब बच्चे व व्यक्ति की रिपोर्ट में दोनों के डेंगू पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। नए दो डेंगू व एक चिकनगुनिया के मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने इनके घर व पड़ोस के लोगों का भी स्वास्थ्य जांचा। साथ ही बुखार पीड़ित लोगों के सेंपल लिए। आसपास मच्छर भगाने की गतिविधियों के अलावा लोगों को मच्छर जनित रोगों से बचाव के उपाय बताकर जागरूक भी किया।
जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ़ सुशीला सैनी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग पूरी चौकसी बरत रहा है। उन्होंने लोगों से अपील कि बारिश के मौसम के मद्देनजर कहीं भी पानी न भरने दें। घरों व छतों पर खाली बर्तनों, गमलों व अन्य वस्तुओं में अधिक समय तक पानी न रहने दें। घर में फ्रिज की वाटर ट्रे को भी सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें।
डेंगू के लक्षण
डेंगू के मरीज को सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों में दर्द, उल्टी आना, पेट की खराबी, आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द और त्वचा पर चकत्ते या लाल रंग के दाने निकलते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि लक्षण नजर आते ही तुरंत जांच करानी चाहिए। उनका कहना है कि फुल बाजू के कपड़े पहनें। मच्छरदानी का प्रयोग करें। रोजाना तीन लीटर से ज्यादा पानी पीएं। घर में गमले, कूलर व बर्तन में पानी जमा न होने दें। धारीदार मच्छर शरीर पर बैठे तो तत्काल सतर्क हो जाएं। पानी जमा मिले तो मिट्टी का तेल या डीजल डाल दें।