ईको सेंसटिव जोन कलेसर में बिना अनुमति काम करवाने पर डीसी ने सिंचाई विभाग को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि किसकी अनुमति से यह काम करवाया गया है। गौरतलब है कि कलेसर में बिना सुप्रीम कोर्ट और वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट तथा ईको सेंसटिव जोन डिस्ट्रिक्ट कमेटी की परमिशन के कोई काम नहीं किया जा सकता। वहां पर सिंचाई विभाग बिना मंजूरी लिए 450 मीटर लंबी दीवार बनवा रहा था। ईको सेंसटिव जोन की कमेटी द्वारा जांच करने पर अनियमितता पायी गयी और डीसी के संज्ञान में मामला लाया गया। जिसके बाद तुरंत प्रभाव से काम रोकने के आर्डर जारी किये तथा कार्यकारी अभियंता को नोटिस देकर पूछा गया कि उन्होंने किसकी आज्ञा से ये काम शुरू करवाया। साथ ही ये भी कहा गया कि जहां से ये पत्थर ख़रीदे गए, उनके बिल की कॉपी भी उपलब्ध करवाई जाए ताकि ये साबित हो सके की ये माल ख़रीदा गया है। जबकि बिना परमिशन के ही ये पत्थर कलेसर के ईको सेंसटिव जोन में इकट्ठे किये गए थे, जोकि कानून का उल्लंघन है। इस अवसर पर पर्यावरण मित्र फाउंडेशन के अध्यक्ष चिराग सिंघल का कहना है कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देखने में यह प्रतीत होता था की ये पत्थर यमुना नदी में से ही निकाले गए है।
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