बेटियों को मिली जीत : निजी बस पर मान्य होंगे छात्राओं के पास
निजी बस पर मान्य होंगे छात्राओं के पास और अदालत के इस आदेश के साथ ही जिले की बेटियों को मिली जीत का जश्न मनाया गया। लड़कियों के लिए स्कूल व कॉलेज जाने के लिए निशुल्क बस पास की हरियाणा सरकार की योजना को नकारने के आरोप में दायर याचिका पर हिसार की अदालत ने निजी बस संचालकों को ऐसा ना करने के आदेश दिए हैं। सिविल सज जूनियर डिविजन सुखवीर कौर की अदालत ने इस मामले में 9 अक्टूबर को प्रतिवादियों से जवाब भी तलब किया है।
बेटियों को मिली जीत, मनाया जश्न
एडवोकेट ओम नारायण कौशिक ने बताया कि शुक्रवार को मामले की सुनावाई के दौरान प्रतिवादियों के अधिवक्ता ने कहा कि आरटीए (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी) द्वारा इस बारे में गत 25 अगस्त को जारी सर्कुलर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौति दी हुई है। इस पर अदालत के पूछने पर बताया गया कि अदालत ने उनकी याचिका पर कोई स्थगन आदेश जारी नहीं किया है। इसके बाद अदालत ने छात्राओं के पक्ष में अंतरिम आदेश जारी करते हुए निजी बस संचालकों को निर्देश दिया कि आरटीए के सर्कुलर के तहत छात्राओं के बस पास मान्य करें और उनको नाजायज परेशान ना किया जाए।
इस बारे में सारंगपुर गांव निवासी पूजा बिश्नोई, मोनिका, अनिता, भाना गांव निवासी सपना, फतेहाबाद के चिंदर गांव निवासी मनिषा, खाराखेड़ी गांव निवासी किरण रानी ने गत 5 सितंबर को याचिका दायर की थी। इन्होंने राज्य सरकार, यातायात आयुक्त, जिला यातायात अधिकारी, रोडवेज महाप्रबंधक, बालाजी मोटर के प्रधान दीपक, नागपाल बस सर्विस के प्रधान नरेंद्र और रविंद्रा बस सर्विस के प्रधान रविंद्र को प्रतिवादी बनाया था।
बेटियों की जीत में इनकी रही अहम भूमिका
छात्रों ने बताया कि पूजा बिश्नोई सीआर लॉ कॉलेज में एलएलबी अंतिम वर्ष की, मनीषा, सपना हिसार के राजकीय महाविद्यालय, किरण रानी राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्रा, मोनिका राजकीय तकनीकी महाविद्यालय की और अनिता गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की छात्रा हैं।
प्रदेश सरकार के निर्देशों के आधार पर उन्होंने सरकारी, कॉपरेटिव और प्राइवेट परमिट धारक बसों में यात्रा करने के लिए निशुल्क बस पास मिले हुए हैं। करीब एक माह पूर्व उपरोक्त बस के परिचालक ने निशुल्क बस पास पर उनको निशुल्क सफर करने की अनुमति नहीं दी।
उन्होंने रोडवेज महाप्रबंधक को इस बारे में शिकायत की तो उन्होंने गत 25 अगस्त को निजी बस स्वामियों को लिखित आदेश दिए कि वे बस पास धारक विद्यार्थियों से किराया नहीं ले सकते लेकिन उपरोक्त बसों के परिचालक इन निर्देशों की पालना नहीं कर रहे हैं।