दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 अगस्त
हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी विधायकों को संस्कृति मॉडल स्कूल का तोहफा दिया है। सत्तापक्ष ही नहीं विपक्ष के विधायकों के हलकों में भी मॉडल स्कूल स्थापित होगा। ये स्कूल ठीक उसी तर्ज पर होंगे, जैसे राज्य के कई जिलों में स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे हैं। कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर इन स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं होंगी और स्टाफ भी पूरी तरह से हाईटैक होगा।
बुधवार को चंडीगढ़ में सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन की संयुक्त बैठक में दोनों पार्टियों के विधायकों के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मंथन किया गया। सीएम मनोहर लाल खट्टर व डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला के अलावा दोनों पार्टियों के विधायक बैठक में मौजूद रहे। प्रदेशभर में कुल 123 संस्कृति मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। इनमें से 38 स्कूलों पर काम चल रहा है। अब तय किया गया है कि नये स्कूलों में विधायकों की पसंद-नापंसद को तवज्जो मिलेगी।
बैठक में साफ कहा गया कि संस्कृति मॉडल स्कूल हलके के किस कस्बे या गांव में स्थापित होगा, इसका फैसला विधायक करेंगे। स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारी इस बाबत विधायकों से बात भी करेंगे। पूरी तरह से अंग्रेजी मीडियम इन स्कूलों में सरकारी शिक्षकों में से ही चयन करके स्टॉफ नियुक्त होगा। इन स्कूलों में नियुक्ति के लिए शिक्षकों को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू से गुजरना होगा। बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि नई शिक्षा नीति के साथ-साथ हरियाणा में कुछ नये प्रयोग भी सरकार करेगी। प्ले स्कूलों के अलावा बैग-लैस (बस्ता रहित) इंगलिश मीडियम स्कूल स्थापित होंगे। इन स्कूलों के बारे में भी विधायकों से विचार-विमर्श कर कार्ययोजना बनाई गई। कुछ विधायकों ने संस्कृति मॉडल स्कूलों में फीस कम करने की मांग उठाई। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि स्कूल प्रबंधन कमेटी इस बारे में फैसला कर सकती है।
प्ले-वे स्कूल पर शुरू होगा काम
गठबंधन सरकार ने अपने पहले ही बजट में इस साल राज्य में 1000 प्ले-वे स्कूल खोलने का फैसला लिया था। दोनों पार्टियों की विधायक दल की बैठक में इस पर चर्चा हुई। इसके लिए विकास एवं पंचायत विभाग उन आंगनवाड़ियों को चिह्नित कर रहा है, जिन्हें प्ले-वे स्कूल में तबदील किया जा सकता है।
बैग-लेस होंगे 1400 स्कूल
सीएम ने कहा कि राज्य के 1400 स्कूलों को पूरी तरह से बैग-रहित किया जाएगा। यानी बच्चों को स्कूलों में भारी-भरकम बस्ते नहीं लाने होंगे। इन स्कूलों में भी अंग्रेजी में पढ़ाई होगी। सरकार 418 स्कूलों को बैग-लेस कर चुकी है। इन सभी स्कूलों के लिए अलग शिक्षा निदेशालय काम करेगा तथा शिक्षकों का अलग कॉडर तैयार होगा। बैठक में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी कई सुझाव दिए।