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चुनाव में आपराधिक रिकाॅर्ड छिपाया, 3 साल बाद पालिका चेयरमैन कुच्छल पर आरोपों की जांच की शुरू

एसडीएम ने 20 जून को अगली सुनवाई पर सबूत पेश करने के दिये निर्देश
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विनोद लाहोट/निससमालखा 16 जून

राज्य निर्वाचन आयोग ने डीसी वीरेंद्र दहिया से पालिका चेयरमैन अशोक कुच्छल द्वारा नामांकन फॉर्म में आपराधिक रिकॉर्ड छिपाकर चुनाव लड़ने के आरोपों की जांच तलब की है। डीसी के आदेश पर एसडीएम अमित कुमार ने पालिका चेयरमैन अशोक कुच्छल, शिकायतकर्ता पीपी कपूर व पालिका सचिव को सोमवार को अपने कार्यालय में बुलाकर आरोपों की जांच शुरू की।

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यह जांच आरटीआई एक्टिविस्ट कॉमरेड पीपी कपूर द्वारा तीन वर्ष पहले 11 जून 2022 को राज्य निर्वाचन आयोग को दी गई शिकायत पर शुरू की गई है। पीपी कपूर ने बताया कि उन्होंने तीन वर्ष पहले चुनाव आयोग को शिकायत देकर कुच्छल का चुनाव रद्द करने की मांग की थी।

आज उन्होंने एसडीएम अमित कुमार को बताया कि अशोक कुच्छल ने नामांकन पत्र में अपना आपराधिक रिकॉर्ड जान बूझकर छिपा लिया वरना उनका नामांकन रद्द हो जाता। आठ वर्ष पहले 6 नवंबर 2017 को कुच्छल को समालखा पुलिस ने एफआईआर नंबर 713 में गिरफ्तार किया था। जिन आरोपों में कुच्छल गिरफ्तार हुआ और सवा साल जेल में रहा उस केस में उसे दस साल या आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है। कोर्ट में आरोप पत्र दायर है मामला अभी लंबित है। कपूर ने बताया कि तीन साल तक सरकार उनकी शिकायत को दबाकर बैठी रही कोई जांच नहीं की।

कुच्छल पर दर्ज केसों की स्टेट्स की रिपोर्ट तलब

दूसरी ओर पालिका चेयरमैन अशोक कुच्छल ने बताया कि शिकायत कर्ता पीपी कपूर ने समालखा कोर्ट में उनका चुनाव रद्द कराने के लिए केस डाला था जिस पर उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। दोनों पक्षों की सुनवाई के उपरांत एसडीएम ने अशोक कुच्छल को सुनवाई की अगली तारीख 20 जून को उसके द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका की कॉपी, समाचार पत्रों में प्रकाशित क्रिमिनल रिकॉर्ड की प्रतियां लाने के निर्देश दिये। एसडीएम ने समालखा पुलिस से कुच्छल के विरुद्ध दर्ज मुक़ददमों के नवीनतम स्टेटस की प्रति भी तलब की है ।

 

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