माकपा ने किया एसआईआर का विरोध
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव कामरेड प्रेम चंद ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को 12 राज्यों तक बढ़ाने का फैसला लिया है। चुनाव आयोग यह काम...
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव कामरेड प्रेम चंद ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को 12 राज्यों तक बढ़ाने का फैसला लिया है। चुनाव आयोग यह काम तब कर रहा है, जब नागरिकता तय करने में उसके अधिकार क्षेत्र का सवाल अभी भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उन्हाेंने कहा कि संविधान में साफ तौर पर कहा गया है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज करने के लिए नागरिकता एक ज़रूरी शर्त है, लेकिन इसको तय करना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। चुनाव आयोग बिहार के अनुभव से सीखने से इंकार कर रहा है। चुनाव आयोग का मकसद ऐसे दस्तावेजों पर जोर देना जो गरीब और कमज़ोर लोगों के पास नहीं होते और ऐसे में एक बड़े हिस्सों को वोटों से दूर कर देगा। प्रेम चंद ने कहा कि माकपा का मानना है कि मतदाता सूची में कोई गलती नहीं होनी चाहिए और संशोधन प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, लेकिन एसआईआर का इस्तेमाल भाजपा के हिंदुत्व एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए टूल के तौर पर नहीं किया जाना चाहिये।

